जैसलमेर का दूसरा साका
जैसलमेर में पहला साका उस समय हुआ जब के सुल्तान ने विशाल सेना के साथ आक्रमण कर दुर्ग को घेर लिया था। इसमें भाटी शासक रावल मूलराज, कुंवर रतन सिंह सहित अगणित योद्धाओं ने असिधारा तीर्थ में स्नान किया तथा ललनाओं ने जौहर का अनुष्ठान किया।
दूसरा साका के शासन के प्रारंभिक वर्षों में हुआ रावल दूदा त्रिलोकसी व अन्य भाटी सरदारों और योद्धाओं ने शत्रु सेना से लड़ते हुए वीरगति पाई और दुर्गस्थ वीरांगनाओं ने जौहर किया। तीसरा साका अर्ध साका कहलाता है इसमें वीरों ने केसरिया तो किया (लड़ते हुए वीरगति पाई) लेकिन जौहर नहीं हुआ अतः इसे आधा साका ही माना जाता है यह घटना 1550 ईस्वी की है जब राव लूणकरण वहां का शासक था।
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जैसलमेर का दुसरा साका कब हुआ था
जैसलमेर में दूसरा साका कौनसे सन् में हुआ ?
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