भारत में प्रशासनिक सुधार (Administrative Reforms In India) : ‘प्रशासनिक सुधार’ शब्द का मतलब है कि - प्रशासन में इस प्रकार के सुनियोजित परिवर्तन लाये जाये जिससे प्रशासनिक क्षमताओं में वृद्धि हो सके तथा सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होना सम्भव हो सके।
हमारे देश में प्रशासनिक सुधार आयोग (Administrative Reforms Commission या ARC) एक समिति है जो भारत के लोक प्रशासन को और अधिक कारगर बनाने के लिये सुझाव देने हेतु भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गयी है।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग 5 जनवरी 1966 को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग 31 अगस्त 2005 को बनाया गया था।
प्रशासनिक सुधार की क्या जरूरत है ?
इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि ब्रिटिश काल में शासन से तात्पर्य मुख्यतः कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना था, लेकिन देश के आज़ाद होने के बाद नए माहौल में आवश्यकताएँ बदलने के साथ ही प्रशासनिक सुधारों
(administrative reforms in india upsc) की ज़रूरत महसूस की गई। आज़ादी के बाद देश में सामाजिक व आर्थिक संरचना में बड़े परिवर्तनों के लक्ष्य के मद्देनज़र पंचवर्षीय योजनाएँ आरंभ की गईं, जिनके लिये प्रशासनिक ढाँचे में सुधार अपेक्षित था।
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र में निरंतर बढ़ते भ्रष्टाचार व अन्य खामियों को नियंत्रित करने के लिये भी प्रशासनिक सुधारों
(administrative reforms in hindi) की आवश्यकता थी। इसके अलावा लोगों की आवश्यकताएं निरंतर बदलती रहती हैं और प्रशासन को भी उन्हीं के अनुरूप बदलना पड़ता है। यह परिवर्तन ही है, जो प्रशासनिक प्रक्रिया के दोषपूर्ण कार्य संचालन को ठीक करने का काम करता है अर्थात् प्रशासनिक सुधारों की मांग करता है।
Administrative Reforms PDF :
Download pdf in Hindi- Bharat Me Prashasnik Sudharउपरोक्त लिंक पर क्लिक करके आप Administrative Reforms PDF डाउनलोड करें।