अश्वमेध यज्ञ किसने किया
लंका पर विजय के बाद और महाभारत युद्ध जीतने के बाद पांडवों ने अश्वमेध यज्ञ किया था।
अश्वमेध भारतवर्ष का एक प्रख्यात यज्ञ। सार्वभौम राजा अर्थात् चक्रवर्ती नरेश ही अश्वमेध का अधिकारी माना जाता था, परंतु ऐतरेय ब्राह्मण (8 पंचिका) के अनुसार अन्य महत्वशाली राजन्यों का भी इसके विधान में अधिकार था। आश्वलायन श्रौत सूत्र (10। 6। 1) का कथन है कि जो सब पदार्थो को प्राप्त करना चाहता है, सब विजयों का इच्छुक होता है और समस्त समृद्धि पाने की कामना करता है वह इस यज्ञ का अधिकारी है। इसलिए सार्वीभौम के अतिरिक्त भी मूर्धाभिषिक्त राजा अश्वमेध कर सकता था (आप.श्रौत. 20। 1। 1। लाट्यायन 9। 10। 17)। यह अति प्राचीन यज्ञ प्रतीत होता है क्योंकि ऋग्वेद के दो सूक्तों में (1। 162 1। 163) अश्वमेधीय अश्व तथा उसके हवन का विशेष विवरण दिया गया है। शतपथ (13। 1-5) तथा तैतिरीय ब्राह्मणों (3। 8-9) में इसका बड़ा ही विशद वर्णन उपलब्ध है जिसका अनुसरण श्रौत सूत्रों, वाल्मीकीय रामायण (1। 13), महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में तथा जैमिनीय अश्वमेध में किया गया है।
सर्वप्रथम अस्वमेध यग का अनुष्ठान किसने किया था ?
अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किसने करवा
Kisne do asvamedh yagya kiya
Kis Raja ne sbse jyada asbmedh yagg kiyethe
Kis raja ne ashwamegh yagya nahin maraja
कनिष्क की राजधानी थी
Indrasan prapt karne ke lai Kishne yeg kya tha
Sabse pahle ashmegh yag kaun kiya ta
आठ बार अश्वमेध यज्ञ। करने वाला शासक
शतक्रतु किसे कहाँ गया है?
अश्वमेध यज्ञ का आयोजन 1 पुरू
2 दशरथ
3 राम
Ashawmedh yagy ka aayojan kisne kiya
Kis shasak ne ashvmedh yag karaya tha