Aitihasik Smarkon Ka Sanrakhshan ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण

ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण

GkExams on 16-07-2022


ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण (indian heritage and culture essay) : जैसा की हम सब जानते है की हमारा देश दुनियाभर में एक अनोखा देश है जहाँ की संस्कृति की चर्चा हर तरफ होती है। इसलिए विदेशों से लोग यहाँ पर प्रतिवर्ष भारी संख्या में घुमने के लिए आते है।


और वो इसलिए क्योंकि किसी भी देश की पहचान उस देश के सांस्कृतिक और पुरातात्विक विकास से होती है। जैसा की हम सब जानते है हमे ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा की आवश्यकता है, क्योंकि जो आज ईमारत है वो ऐसा ना हो की हमें आगे दिखे ही ना।





और जिस तरह ऐतिहासिक इमारतों (indian heritage and culture book for upsc) के निर्माण में आम आदमी की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है उसी तरह इस तथ्य को भी अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि ऐतिहासिक घरोहर के संरक्षण में आम आदमी की भागीदारी बहुत आवश्यक है।


हमारे देश (heritage of india) में भी ऐसे कई ऐतिहासिक मकबरें, मस्जिद, मंदिर और अन्य इमारतें हैं जो स्वयं हमारे विशाल और सम्मानजनक इतिहास की कहानी कहती हैं। लेकिन समय के साथ-साथ इन इमारतों और उनमें रखे गए साहित्य को बहुत नुकसान पहुंचा है। हमने भी परवाह किए बगैर उन अनमोल धरोहरों को मनमाने ढंग से खंडित किया है।


दरअसल वक्त रहते हमने अपनी भूल को पहचान लिया और अपनी विरासत को संभालने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया। पुरानी हो चुकी जर्जर इमारतों की मरम्मत की जाने लगी, उजाड़ भवनों और महलों को पर्यटन स्थल बना उनकी चमक को बिखेरा गया, किताबों और स्मृति चिह्नों को संग्रहालय में जगह दी गई।


लेकिन विरासत को संभालकर रखना इतना आसान नहीं है। इसीलिए यूनेस्को (UNESCO) द्वारा हर वर्ष विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है जिसका स्पष्ट उद्देश्य इन इमारतों और उनमें रखी गई धरोहरों की देखभाल करना है।


निष्कर्ष :




इन सब उपरोक्त बातों का निष्कर्ष यहीं है की हम एक सुंदर विरासत के साथ धन्य हैं। हम सभी को इसे संरक्षित करने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी ऐसा ही देखने और अनुभव करने को मिले।


भारत के सांस्कृतिक धरोहर स्थल :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा भारत के सांस्कृतिक धरोहर स्थलों की सूची से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • आगरा का किला (1983)
  • अजंता की गुफाएँ (1983)
  • नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय), बिहार (2016)
  • सांची बौद्ध स्मारक (1989)
  • चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्त्विक पार्क (2004)
  • छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) (2004)
  • गोवा के चर्च और कॉन्वेंट्स (1986)
  • एलिफेंटा की गुफाएँ (1987)
  • एलोरा की गुफाएँ (1983)
  • फतेहपुर सीकरी (1986)
  • ग्रेट लिविंग चोल मंदिर (1987)
  • हम्पी में स्मारकों का समूह (1986)
  • महाबलिपुरम में स्मारक समूह (1984)
  • पट्टडकल में स्मारक समूह (1987)
  • राजस्थान में पहाड़ी किला (2013)
  • हुमायूँ का मकबरा, दिल्ली (1993)
  • खजुराहो में स्मारकों का समूह (1986)
  • बोध गया में महाबोधि मंदिर परिसर (2002)
  • माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया (1999)
  • कुतुब मीनार और इसके स्मारक, दिल्ली (1993)
  • रानी-की-वाव पाटन, गुजरात (2014)
  • लाल किला परिसर (2007)
  • भीमबेटका के रॉक शेल्टर (2003)
  • सूर्य मंदिर, कोर्णाक (1984)
  • ताज महल (1983)
  • ला कॉर्ब्युएर का वास्तुकला कार्य (2016)
  • जंतर मंतर, जयपुर (2010)

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    Comments Ayush mandal on 20-12-2023

    Aitihasik smarakon ki Raksha kaise karen

    Pooja Kumari on 22-01-2023

    Etihasik smarko mein jhalakta hai hamara Desh iska
    kya Arth hai

    सुषमा on 07-06-2022

    एतिहासिक स्मारकों का संरक्षण कैसे हो सकता है

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