ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण
ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण (indian heritage and culture essay) : जैसा की हम सब जानते है की हमारा देश दुनियाभर में एक अनोखा देश है जहाँ की संस्कृति की चर्चा हर तरफ होती है। इसलिए विदेशों से लोग यहाँ पर प्रतिवर्ष भारी संख्या में घुमने के लिए आते है।
और वो इसलिए क्योंकि किसी भी देश की पहचान उस देश के सांस्कृतिक और पुरातात्विक विकास से होती है। जैसा की हम सब जानते है हमे ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा की आवश्यकता है, क्योंकि जो आज ईमारत है वो ऐसा ना हो की हमें आगे दिखे ही ना।
और जिस तरह ऐतिहासिक इमारतों (indian heritage and culture book for upsc) के निर्माण में आम आदमी की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है उसी तरह इस तथ्य को भी अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि ऐतिहासिक घरोहर के संरक्षण में आम आदमी की भागीदारी बहुत आवश्यक है।
हमारे देश (heritage of india) में भी ऐसे कई ऐतिहासिक मकबरें, मस्जिद, मंदिर और अन्य इमारतें हैं जो स्वयं हमारे विशाल और सम्मानजनक इतिहास की कहानी कहती हैं। लेकिन समय के साथ-साथ इन इमारतों और उनमें रखे गए साहित्य को बहुत नुकसान पहुंचा है। हमने भी परवाह किए बगैर उन अनमोल धरोहरों को मनमाने ढंग से खंडित किया है।
दरअसल वक्त रहते हमने अपनी भूल को पहचान लिया और अपनी विरासत को संभालने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया। पुरानी हो चुकी जर्जर इमारतों की मरम्मत की जाने लगी, उजाड़ भवनों और महलों को पर्यटन स्थल बना उनकी चमक को बिखेरा गया, किताबों और स्मृति चिह्नों को संग्रहालय में जगह दी गई।
लेकिन विरासत को संभालकर रखना इतना आसान नहीं है। इसीलिए यूनेस्को (UNESCO) द्वारा हर वर्ष विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है जिसका स्पष्ट उद्देश्य इन इमारतों और उनमें रखी गई धरोहरों की देखभाल करना है।
Aitihasik smarakon ki Raksha kaise karen
Etihasik smarko mein jhalakta hai hamara Desh iska
kya Arth hai
एतिहासिक स्मारकों का संरक्षण कैसे हो सकता है