मरुस्थल की परिभाषा : इसे हम सरल भाषा में समझे तो मरुस्थल या रेगिस्तान एक बंजर क्षेत्र होता है जहां कम वर्षा होती है। इसका मतलब ये हुआ की यहां केवल वही पौधे पनप सकते हैं जिनमें जल संचय करने की अथवा धरती के बहुत नीचे से जल प्राप्त करने की अदभुत क्षमता हो।
जब हम बात करें रेगिस्तान (desert climate) कैसे बन जाता है तो रेगिस्तान का निर्माण अपक्षय प्रक्रियाओं द्वारा होता है क्योंकि दिन और रात के बीच तापमान में बड़े बदलाव चट्टानों पर तनाव डालते हैं, जिसके परिणामस्वरूप टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। हालांकि रेगिस्तान में शायद ही कभी बारिश होती है, कभी-कभी बारिश होती है जिसके परिणामस्वरूप अचानक बाढ़ आ सकती है।
रेगिस्तान के प्रकार (Types of desert) :
यहाँ हम आपको रेगिस्तान के प्रकारों
(Types of desert in hindi) से अवगत करा रहे है, जो मुख्यत: 6 प्रकार के होते है....
1. पर्वतीय और द्रोणी (बेसिन) रेगिस्तान
2. शैली (हैमाडा) रेगिस्तान - जो पठार जैसी स्थलाकृति रखता है
3. रेग्स - चट्टानी क्षेत्र
4. अर्गस - जो रेत के अथाह समुद्र से निर्मित होते हैं
5. अंतरापर्वतीय द्रोणियां (इंटरमाउंटेन बेसिन)
6. उत्खात भूमि (बैडलेंड)
रेगिस्तान में जीवन (Life in Desert) :
आपको बता दे की रेगिस्तान में जीवन अत्यंत कठोर है। यहां जल तथा आहार का आभाव और उच्च तापमान जीवन को और भी जटिल बना देता है। लेकिन इतनी विषम परिस्थिति के बावजूद यहां जीवों की अनेक प्रजातियां जीवित रहती हैं। रेगिस्तान में जीवन की उत्तरजीविता का कारण रेगिस्तानी जीवों का यहां के वातावरण के अनुसार सुरक्षात्मक क्रियाविधियां विकसित कर लेना है।
प्रायः दिन के समय रेगिस्तान निर्जन स्थल लगता है लेकिन दिन ढलते ही रात के अंधेरे में यहां विभिन्न जीव अपने-अपने सुरक्षित आवास स्थलों से बाहर निकल कर मरुभूमि को जीवन्त स्थान बना देते हैं। कुछ जीवों (विशेषकर स्तनधारी और सरीसृप) को सान्ध्य जीव भी कहते हैं जो केवल भोर के समय और अंधेरे में ही सक्रिय होते हैं।
यहाँ अनेक रेगिस्तानी जन्तु
(desert animals) छोटे होते हैं जो धरती में बिल बना कर अथवा पेड़-पौधों की पत्तियों में छिप जाते हैं लेकिन रात्रि होने पर बाहर आकर अपने आहार की व्यवस्था करते हैं। यहां तक कि बड़े-बडे़ पशु, जैसे कंगारू, खरगोश, लोमड़ी, बेडगर (रीछ के समान एक चैपाया) ‘कोयोट’ (भेडि़या के प्रकार के पशु) तथा स्कंक (गिलहरी के आकार का एक मांसाहारी पशु), अंखफोड़वा, झींगुर आदि अनेक सरीसृप जैसे गिरगिट, छिपकली, सर्प तथा विभिन्न पक्षियों जैसे उल्लू, कैलिफोर्निया थ्रेशर, भी धरती के अन्दर बिल, खोह बनाकर रहते हैं।