वीर नारायण सिंह एस्से
वीर नारायण सिंह के बारें में (Essay On Veer Narayan Singh) : इनका जन्म छत्तीसगढ़ के सोनाखान में 1795 में एक जमींदार परिवार में हुआ था। वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी, वीर पुत्र, सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने अकाल से पीड़ित अपनी प्रजा को अनाज पहुचाया जो दाने दाने को तरस रहे थे, तथा इसके चलते अंग्रेजों से लोहा लिया था, और अपनी प्रजा के हिट के लिए अपनी जान को बलिदान कर दिए।
ध्यान रहे की 10 दिसंबर 1857 को ब्रिटिश सरकार ने वीर नारायण सिंह (Veer Narayan Singh Death Date) को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर सरेआम फाँसी पर लटका दिया। और बाद मे उनके मृत शरीर को तोप से उड़ा दिया था।
दोस्तों आज हम छत्तीसगढ़ द्वारा दिए गये स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान को भुला नही सकते है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने तो 1857 से पहले ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर 1947 के आजादी तक यहां भी अंग्रेजों के खिलाफ लगातार संघर्षों का दौर चलता रहा है।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था।
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वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय
Veer Narayan snigh ke Essay