बालिका का परिचय भावार्थ
बालिका कविता के बारें में : यह कविता सुप्रसिद्ध कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित हैं। यह बहुत समवेदंशिल स्वभाव की कवियित्री है। जिसे वह कविता के रूप में पन्नों (Balika Poem Download) पर उतर देती है...
यह मेरी गोदी की शोभा, सुख सोहाग की है लाली,
शाही शान भिखारन की है, मनोकामना मतवाली..!
दीप-शिखा है अँधेरे की, घनी घटा की उजियाली,
उषा है यह काल-भृंग की, है पतझर की हरियाली..!
सुधाधार यह नीरस दिल की, मस्ती मगन तपस्वी की,
जीवित ज्योति नष्ट नयनों की, सच्ची लगन मनस्वी की..!
बीते हुए बालपन की यह, क्रीड़ापूर्ण वाटिका है,
वही मचलना, वही किलकना, हँसती हुई नाटिका है..!
मेरा मंदिर,मेरी मसजिद, काबा काशी यह मेरी,
पूजा पाठ,ध्यान,जप,तप,है घट-घट वासी यह मेरी..!
कृष्णचन्द्र की क्रीड़ाओं को अपने आंगन में देखो,
कौशल्या के मातृ-मोद को, अपने ही मन में देखो..!
प्रभु ईसा की क्षमाशीलता, नबी मुहम्मद का विश्वास,
जीव-दया जिनवर गौतम की,आओ देखो इसके पास..!
परिचय पूछ रहे हो मुझसे, कैसे परिचय दूँ इसका,
वही जान सकता है इसको, माता का दिल है जिसका..!
Balika ka parichay
Balika kiski hariyali h ?
Kavi ke anusaar jab bhaura kamal bhring se nikalta hai to kaisa mahsoosh karta hai?
इस कविता की व्याख्या बताएँ
Balika Ka parichay Ka byakhya bataye