सही उत्तर : 27 अप्रैल 1857
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की 27 अप्रैल 1857 को दानापुर के सिपाहियों, भोजपुरी जवानों और अन्य साथियों के साथ आरा नगर पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने कब्जा कर लिया था। फिर अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा था।
वीर कुंवर सिंह के बारें में :
वीर कुंवर सिंह
(veer kunwar singh in hindi) का जन्म 23 अप्रैल 1777 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था। 80 साल की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दिया था। कुंवर सिंह ने लोगों को जोड़कर बिहार के दानापुर और भोजपुर में हमला कर उन जगहों को अपने कब्जे में ले लिया था।
कुवंर सिंह की बहादुरी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिंदगी के 80वें पड़ाव पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मिट्टी को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए अंत तक लड़ते रहे। ध्यान रहे की कुवंर सिंह
(veer kunwar singh university) ने अपनी अंतिम लड़ाई जगदीशपुर के पास 23 अप्रैल, 1858 में लड़ी। इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी को हराते हुए कुंवर सिंह ने जगदीशपुर फोर्ट से यूनियन जैक का झंडा उतारकर ही दम लिया।
इस लड़ाई में बुरी तरह से घायल होने के बाद वो 23 अप्रैल को अपने किले वापस लौट आए और 26 अप्रैल, 1858 को उन्होंने अपनी अंतिम सांसें लीं। कुंवर सिंह
(veer kunwar singh drawing) की युद्ध नीति ऐसी थी कि अंग्रेज भी चकरा जाते थे। उन्हें छापामार युद्ध नीति में महारत हासिल थी और अंग्रेज भी उनकी नीति को भांप नहीं पाते थे।
वीर कुंवर सिंह सम्मान :
उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए भारत सरकार ने उनके नाम पर स्टाम्प निकाला था। वर्ष 1992 में बिहार सरकार ने आरा में उनके नाम पर विश्वविद्यालय खोला था। 23 अप्रैल उनकी पुण्यतिथि पर जगह-जगह सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है।