Aarthik Mandi Ke Prabhav आर्थिक मंदी के प्रभाव

आर्थिक मंदी के प्रभाव

GkExams on 21-11-2018

विकास पर प्रभाव

1930 के दशक की महामंदी को दुनिया की अब तक की सर्वाधिक विध्वंसक आर्थिक त्रासदी माना जाता है जिसने लाखों लोगों की जिंदगी नरक बना दी। इसकी शुरुआत 29 अक्टूबर 1929 को अमेरिका में शेयर मार्केट के गिरने से हुई थी। इस दिन मंगलवार था। इसलिए इसे काला मंगलवार (ब्लैक टच्यूसडे) भी कहा जाता है। इसके बाद अगले एक दशक तक दुनिया के अधिकांश देशों में आर्थिक गतिविधियां ठप्प रहीं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार खत्म हो गया।


मांग में भारी कमी हो गई और औद्योगिक विकास के पहिये जाम हो गए। लाखों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। कृषि उत्पादन में भी 60 फीसदी तक की कमी हो गई। एक दशक तक हाहाकार मचाने के बाद द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत के साथ ही इसका असर कम होने लगा।

कारण

अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का इतना मनोवैज्ञानिक असर पड़ा कि वहां के लोगों ने अपने खर्चो में दस फीसदी तक की कमी कर दी जिससे मांग प्रभावित हुई।


लोगों ने बैंकों के कर्ज पटाने बंद कर दिए जिससे बैंकिंग ढांचा चरमरा गया। कर्ज मिलने बंद हो गए, लोगों ने बैंकों में जमा पैसा निकालना शुरू कर दिया। इससे कई बैंक दिवालिया होकर बंद हो गए।


1930 की शुरुआत मे अमेरिका में पड़े सूखे की वजह से कृषि बर्बाद हो गई जिससे कृषि अर्थव्यवस्था चरमरा गई। इसने ‘नीम पर करेले’ का काम किया।


अमेरिका की इस मंदी ने बाद में अन्य देशों को भी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते यह महामंदी में तब्दील हो गई।

महामंदी का महाप्रभाव

  • 1 करोड़ 30 लाख लोग बेरोजगार हो गए।
  • 1929 से 1932 के दौरान औद्योगिक उत्पादन की दर में 45 फीसदी की गिरावट आई।
  • 1929 से 1932 के दौरान आवास निर्माण की दर में 80 फीसदी तक की कमी हो गई।
  • इस दौरान 5 हजार से भी अधिक बैंक बंद हो गए।


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Comments Sa on 20-03-2022

Aarthik Mandi kya hai our dvitiye bisv yudh me iska kya prbhav pna

Ram Bhajan on 01-10-2021

Arthik Mandi ke kya Prabhav Padega

Komal on 29-03-2019

Arthik Mandi ke parbaw

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