समावेशी शिक्षा का प्रभाव
समावेशी शिक्षा (अंग्रेज़ी: Inclusive education) एक शिक्षा प्रणाली है।
शिक्षा का समावेशीकरण यह बताता है कि विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक सामान्य छात्र और एक दिव्यागछात्र को समान शिक्षा प्राप्ति के अवसर मिलने चाहिए। इसमें एक सामान्य छात्र एक दिव्याग छात्र के साथ विद्यालय में अधिकतर समय बिताता है। पहले समावेशी शिक्षा की परिकल्पना सिर्फ विशेष छात्रों के लिए की गई थी लेकिन आधुनिक काल में हर शिक्षक को इस सिद्धांत को विस्तृत दृष्टिकोण में अपनी कक्षा में व्यवहार में लाना चाहिए।
समावेशी शिक्षा या एकीकरण के सिद्धांत की ऐतिहासक जड़ें कनाडा और अमेरिका से जुड़ीं हैं। प्राचीन शिक्षा पद्धति की जगह नई शिक्षा नीति का प्रयोग आधुनिक समय में होने लगा है। समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करता। अशक्त बच्चों को सामान्य बच्चों से अलग करना अब मान्य नहीं है। विकलांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार है।
Ncf 2005aur smaveshi shiksha m bhartiy shiksha aayog ka yogdan
Samaveshi shiksha se samany bacchho me bhavnao ka bikash hota hai dusro ki sahayta karne ka gun viksit hota hai...
Jab wo bishist baccho k sath siksha prapt karte hai to wo bishit baccho ko padhne me sahayta karte jisse upryukt gun unme biksit hote hai...
समावेशी शिक्षा में सामान्य बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है
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Anil
मंद अधिगम बालको की विशेषता किया होती है
Raju
समाबेशी शिक्षा का prabhav