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= कर्ण() (Karn)
एक बारीक कर्ण। बहुत ही छोटा या सूक्ष्म आदि को कर्ण कहते हैं। कर्ण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कान । श्रवणोंद्रिय ।
२. कुंती का सब सेट बड़ा पुत्र । कर्ण जब परशुराम से अस्त्रशिक्षा प्राप्त कर रहे थे तब एक दिन कर्ण के जंघे पर सिर रखकर परशुराम सो गए । ठीक उसी समय वह कीड़ा आकर कर्ण जाँघ में काटने लगा । कर्ण ने गुरु का निद्रा भंग होने के डर से जाँघ नहीं हटाई । जब जाँघ में से रक्त की धारा निकली तब परशुराम की नींद टूटी और उन्होंने उस कीड़े की ओर ताका । उनके ताकते ही उस कीड़े ने उसे रक्त के बीच अपनी कीट शरीर छोड़ा और अपने पूर्व रूप में आ गया ।
एक बारीक कर्ण। बहुत ही छोटा या सूक्ष्म आदि को कर्ण कहते हैं। कर्ण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कान । श्रवणोंद्रिय ।
२. कुंती का सब सेट बड़ा पुत्र ।
एक बारीक कर्ण। बहुत ही छोटा या सूक्ष्म आदि को कर्ण कहते हैं।
कर्ण महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक है। कर्ण की वास्तविक माँ कुन्ती थी। कर्ण का जन्म कुन्ती का पाण्डु के साथ विवाह होने से पूर्व हुआ था। कर्ण दुर्योधन का सबसे अच्छा मित्र था और महाभारत के युद्ध में वह अपने भाइयों के विरुद्ध लड़ा। वह सूर्य पुत्र था। कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है क्योंकि कर्ण ने कभी भी किसी माँगने वाले को दान में कुछ भी देने से कभी भी मना नहीं किया भले ही इसके परिणामस्वरूप उसके अपने ही प्राण संकट में क्यों न पड़ गए हों। कर्ण की छवि आज भी भारतीय जनमानस में एक ऐसे महायोद्धा की है जो जीवनभर प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ता रहा। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि कर्ण को कभी भी वह सब नहीं मिला जिसका वह वास्तविक रूप से अधिकारी था। तर्कसंगत रूप से कहा जाए तो हस्तिनापुर के सिंहासन का वास्तविक अधिकारी कर्ण ही था क्योंकि वह कुरु राजपरिवार से ही था और युधिष्ठिर और दुर्योधन से ज्येष्ठ था, लेकिन उसकी वास्तविक पहचान उसकी मृत्यु तक अज्ञात ही रही। कर्ण की छवि द्रौपदी का अपमान किए जाने और अभिमन्यु वध में उसकी नकारात्मक भूमिका के कारण धूमिल भी हुई थी लेकिन कुल मिलाकर कर्ण को एक दानवीर और महान योद्धा माना जाता है। कर्ण का जन्म कुन्ती को मिले एक वरदान स्वरुप हुआ था। जब वह कुँआरी थी, तब एक बार दुर्वासा ऋषि उसके पिता के महल में पधारे। तब कुन्ती ने पूरे एक वर्ष तक ऋषि की बहुत अच्छे से सेवा की।
कर्ण meaning in english