DLF
= डीएलएफ() (DLF)
डीएलएफ लिमिटेड (DLF Limited) या डीएलएफ (मूल रूप से जिसका नाम दिल्ली लैंड एण्ड फाइनेंस था), भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित सबसे बड़ी भारतीय अचल संपत्ति विकासक (रीयल एस्टेट डेवेलपर) कंपनी है। डीएलएफ ग्रुप की स्थापना 1946 में रघुवेंद्र सिंह द्वारा की गई थी। डीएलएफ ने दिल्ली में शिवाजी पार्क (जो वास्तव में इसका पहला निर्माण था), राजौरी गार्डन, कृष्णा नगर, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, कैलाश कॉलोनी और हौज़ खास जैसी आवासीय कॉलोनियों का विकास किया। 1957 में दिल्ली विकास अधिनियम के पारित होने के साथ स्थानीय सरकार ने दिल्ली में अचल संपत्ति के विकास को अपने हाथ में ले लिया और निजी अचल संपत्ति विकासक कंपनियों को ऐसा करने से प्रतिबंधित कर दिया। परिणामस्वरूप डीएलएफ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के नियंत्रण क्षेत्र से बाहर और इससे सटे हरियाणा राज्य के गुड़गांव जिले में अपेक्षाकृत कम लागत वाली जमीन पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया। 1970 के दशक के मध्य में कंपनी ने गुड़गांव में डीएलएफ सिटी परियोजना को विकसित करना शुरू किया। इसकी आगामी योजनाओं में होटल, बुनियादी ढांचे और विशेष आर्थिक क्षेत्र संबंधी विकास परियोजनाएं शामिल हैं। फ़िलहाल इस कंपनी का नेतृत्व बुलंद शहर के एक जाट और भारतीय अरबपति कुशल पाल सिंह द्वारा किया जा रहा है। फोर्ब्स की 2009 की सबसे अमीर अरबपतियों की सूची के अनुसार कुशल पाल सिंह अब दुनिया के 98वें सबसे अमीर व्यक्ति और दुनिया के सबसे अमीर संपत्ति विकासक हैं। जुलाई 2007 में कंपनी का 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाला आईपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ रहा है। जुलाई 2007 में डीएलएफ ने 30 जून 2007 को समाप्त होने वाले अपने पहले तिमाही परिणामों की घोषणा की। कंपनी ने 3,120.98 करोड़ रूपए के कारोबार और 1,515.48 करोड़ रूपए के पीएटी (PAT) की घोषणा की। 1940-50 के शुरुआती दशकों में रघुवेंद्र सिंह ने दिल्ली के आसपास काफी मात्र में अचल संपत्ति को खरीदा. पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन, कृष्णा नगर, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश 1 एवं 2, कैलाश कॉलोनी, हौज़ खास और पंचशील जैसे क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से कुछ दशकों में यह पैसा कई गुना बढ़ गया। 1970 और 1980 के दशकों में डीएलएफ ने 2000 डॉलर प्रति एकड़ की दर से गुड़गांव के किसानों से 3,000-एकड़ (1,214 ha) जमीन खरीदी.लेकिन उस समय हरिया
डीएलएफ meaning in english