अंग (Ang) = Organ
पु. [सं.√ अम् गति आदि+गन्]
1. शरीर के विभिन्न अवयव। जैसे-हाथ, पैर, मुँह आदि। मुहा.- (किसी का ) अंग छूना- शपथ खाने के लिए उसके शरीर पर हाथ रखना। अंग लगाना- छाती से लगाना, गले लगाना।
2. शरीर,देह। मुहा- अंग उभरना- जवानी आना। यौवन का प्रारम्भ होना। अंग ऐड़ा करना- ऐठ,बल या शेखी दिखाना। अंग करना- (क) ग्रहण या स्वीकार करना (ख) अपना या आत्मीय बनाना। अंगों में अंग चुराना- लज्जा से संकुचित होना। अंग टूटना- थकावट आदि के कारण विभिन्न अंगों में पीड़ा होना जिसके फलस्वरूप अँगड़ाई आती है। अंग ढ़ीले होना- (क) थक हो जाना (ख) वृद्ध हो जाना। अंग तोड़ना- (क) अंगड़ाई लेना (ख) शारीरिक पीड़ा या कष्ट के कारण बार-बार अंग फटकना। छट पटाना। अंग देना- थोड़ा आराम करना। अंग में न माना- अति प्रसन्न होना। उदाहरण- पुलकि न मावति अंग-सूर। अंग मुस्कराना- (क) अतिप्रसन्न दिखाई पड़ना (ख) प्रसन्नता से रोमांचित हो जाना (ग) शारीरिक सौन्द्रर्य का खिलना। अंग मोड़ना- (क) शरीर के अंगों को लज्जावश छिपाना (ख) भय या संकोच के कारण पीछे हटना। उदाहरण- खेलै फाग अंग नहिं मोड़े सतगुरू से लपटानी। किसी के अंग लगाना- (क) गले लगाना (ख) संभोग करना(खाद्य पदार्थों का) अंग लगना- खाद्य पदार्थों के उपभोग से शरीर की पुष्टि या वृद्धि होना(रोगी के)। अंग लगना- बहुत दिनों से बिस्तर पर पड़े रहने से शरीर में घाव या शय्या-व्रण होना। अंग लगाना- गले लगाना (कन्या को) अंग लगाना- (कन्या को वर के सुपुर्द करना, सौंपना या विवाह में देना। फूले अंग न समाना- बहुत ही प्रसन्न होना।
3. कार्य सम्पादन करने का उपाय या साधन।
4. व्यक्तित्व। उदाहरण- राउरे अंग जोग जग को है-तुलसी।
5. वे अवयव, तत्त्व या सदस्य जिनके योग से किसी वस्तु, संस्था आदि का निर्माण होता है। अंश। जैसे- आप भी तो इस संस्था के अंग हैं।
6. संगीत में राग के स्वरूप या उसके प्रादेशिक प्रकार के विकार से होनेवाला विशिष्ट वर्ग या विभाग। जैसे-पूर्वी अंग का राग।
7. बड़ी तथा महत्वपूर्ण संस्थाओं के उपविभाग जैसे पूर्वी अंग का राग।
8.व्याकरण में प्रत्यय युक्त शब्द का प्रत्यय रहित अंश या भाग। जैसे- रम्+घञ(=राम) में रम् अंग है।
9. भागलपुर के समीपवर्ती प्रदेश का प्राचीन नाम जहाँ की राजधानी चम्पानगरी(आधुनिक चम्पारन) थी।
10. अंग देश के निवासी। <
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।