कौरव (Kaurav) = Kourav
कौरव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ कौरवी] [वि॰ कौरवी] कुरु राज की संतान । कुरु के वंशज । कौरव ^२ वि॰ [ सं॰] कुरु संबंधी । जैसे, — कौरवी सेना । कौरव ^३ वि॰ [सं॰ कुरव] कुरव या लाल कटसरैया के रंग का । लाल रंग का । उ॰— धर्यो तन कौरव वस्त्र कुँआरि । मैडी जनु संभ मनंमथ रारि । पृ॰ रा॰ २१ । ९२ ।
कौरव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ कौरवी] [वि॰ कौरवी] कुरु राज की संतान । कुरु के वंशज । कौरव ^२ वि॰ [ सं॰] कुरु संबंधी । जैसे, — कौरवी सेना ।
कौरव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ कौरवी] [वि॰ कौरवी] कुरु राज की संतान । कुरु के वंशज ।
कौरव महाभारत के विशिष्ट पात्र हैं। कौरवों की संख्या १०० थी तथा वे सभी सहोदर थे। युधिष्ठिर के पुत्र लछमण कुमार की पत्नी गर्भवती थी उसका मायका मथुरा में था सीरीपत जी की पुत्री थी महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद वो अपने मायके चली गयी वहां कुलगुरु कृपाचार्य के वंशज रहते थे उन्होंने उस लड़की की रक्षा की कानावती से पुत्र कानकुंवर हुआ नौ पीढ़ी तक मथुरा में रहने के बाद विजय पाल ने बिहार स्टेट में वैशाली का राज किया जो अब मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर-ग्वालियर-भिंड-दतिया जबलपुर , विदिशा, भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद , आदि जिलो में रहते है। कौरवों के माता पिता का नाम गान्धारी तथा धृतराष्ट्र था। कुन्ती के पुत्र युधिष्ठिर के जन्म होने पर धृतराष्ट्र की पत्नी गान्धारी के हृदय में भी पुत्रवती होने की लालसा जागी। गान्धारी ने वेद व्यास जी से पुत्रवती होने का वरदान प्राप्त कर लिया। गर्भ धारण के पश्चात् दो वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी जब पुत्र का जन्म नही हुआ तो क्षोभवश गान्धारी ने अपने पेट में मुक्का मार कर अपना गर्भ गिरा दिया। योगबल से वेद व्यास को इस घटना को तत्काल जान लिया। वे गान्धारी के पास आकर बोले, "गान्धारी तूने बहुत गलत किया। मेरा दिया हुआ वर कभी मिथ्या नहीं जाता। अब तुम शीघ्र सौ कुण्ड तैयार कर के उनमें घृत भरवा दो। " गान्धारी ने उनकी आज्ञानुसार सौ कुण्ड बनवा दिये। वेदव्यास ने गान्धारी के गर्भ से निकले मांसपिण्ड पर अभिमन्त्रित जल छिड़का जिसे उस पिण्ड के अँगूठे के पोरुये के बराबर सौ टुकड़े हो गये। वेदव्यास ने उन टुकड़ों को गान्धारी के बनवाये सौ कुण्डों में रखवा दिया और उन कुण्डों को दो वर्ष पश्चात् खोलने का आदेश दे अपने आश्रम चले गये। दो वर्ष ब
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