योजना के उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए कौन कौन से कार्यक्रम चलाए जाएगों तथा इसके लिए धनराशि की क्या व्यवस्था है ?
उत्तर: योजना के उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए मुख्यत: तीन मंत्रालयों नामत: जल मंत्रालय के सहभागिता द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाएगे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय मुख्य रूप से मृदा एवं जल संरक्षण हेतु छोटे तालाब, जल संचयन संरचना के साथ-साथ छोटे बांधों तथा सम्मोच्च मेढ निर्माण आदि कायों का क्रियान्वयन राज्य सरकार के माध्यम से समेकित पनधरा प्रबंधन कार्यक्रम के तहत करेगा। जिसके लिए वर्ष 2015-16 में 1500 करोड़ रुपये आबंटित है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुर्नउद्धार मंत्रालय संरक्षित जल को खेत तक पहुँचाने के लिए नाली इत्यादि विकास के साथ-साथ त्वरित सिंचाई लाभ संबंधी कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से पूर्ण करेगा। इसके अंतर्गत निम्न स्तर पर जल निकाय सूजन, नदियों में लिफ्ट सिंचाई योजना, जल वितरण नेटवर्क तथा उपलब्ध जल स्त्रोतों के मरम्मत, पुर्नभंडारण तथा सूजन का कार्य मुख्य रूप से किया जाएगा। इन कार्यों के लिए वर्ष 2015-16 के लिए 2000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गई है।
कृषि मंत्रालय, कृषि एवं सहकारिता विभाग, वर्षा जल संरक्षण, जल बहाव नियत्रंण कार्य, जल उपलब्धता के अनुसार फसल उत्पादन, कृषि वानिकी, चारागाह विकास के साथ-साथ कृषि जीविकोपार्जन के विभिन्न कार्यक्रमों को भी चलाएगी।
जल प्रयोग क्षमता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना (ड्रिप, स्प्रीकलर, रेनगन आदि) का उपयोग विभिन्न फसलों की सिंचाई के लिए किया जाएगा। इस सभी कार्यक्रमों को चलाने के लिए वर्ष 2015-16 के लिए 1800 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई है।