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राष्ट्रीय आयुष मिशन का शुभारंभ

आयुष क्या है ? आयुष अंग्रेजी शब्द AYUSH का देवनागरी लिप्यांतरण है। AYUSH का विस्तृत रूप इस प्रकार है – A= आयुर्वेद – Ayurveda, Y= योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा – Yoga & Naturopathy, U= यूनानी – Unani, S= सिद्ध – Siddha, H= होम्योपैथी – Homoeopathy. आयुष को एलोपैथिक की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जाता है। यह चिकित्सा पद्धति एलोपैथ की तुलना में अत्यधिक कम लागत वाली है। इसी कारण इस पद्धति में यह क्षमता है कि यह बड़ी संख्या में देश के नागरिकों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा कर सकती है। भारत को आयुष (AYUSH- आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) चिकित्सा पद्धतियों की अतुलनीय विरासत प्राप्त है। यहां इन चिकित्सा पद्धतियों द्वारा रोगों की रोकथाम तथा उपचार के लिए ज्ञान का अथाह भंडार मौजूद है। सितंबर माह में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन चिकित्सा पद्धतियों को देश में बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन का शुभारंभ करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

15 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ (NAM-National Ayush Mission) के शुभारंभ को अनुमोदन (Approval) प्रदान कर दिया।
प्रस्तावित मिशन के द्वारा आयुष स्वास्थ्य सेवाओं/शिक्षा (Ayush Health Services/Education) के माध्यम से राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकारों को सहायता प्रदान की जाएगी।यह सहायता विशेष रूप से ‘अतिसंवेदनशील और दूर-दराज’ (Vulnerable and Far-Flung) के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की खाई (Gap) को कम करने हेतु इन सरकारों के प्रयासों को दी जाएगी।
मिशन का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति करना तथा इनकी वार्षिक योजनाओं में ज्यादा ‘संसाधनों का आवंटन ’करना रहेगा।
राष्ट्रीय आयुष मिशन से निम्न सहायताएं प्राप्त हो सकेंगी-
‘उन्नत शैक्षणिक संस्थाओं’ (Upgraded Educational Institutions) की संख्या बढ़ाकर आयुष शिक्षा में सुधार।
आयुष अस्पतालों और औषधालयों (Ayush Hospitals and Dispensaries) में वृद्धि करके तथा आयुष औषध और श्रमबल की उपलब्धता (Availability of Ayush Drugs and Manpower) सुनिश्चित करके आयुष सेवाओं तक ज्यादा लोगों की पहुंच बढ़ाना।
आयुष दवा प्रणालियों (Ayush System of Medicine) के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल (Quality Raw Material) को निरंतर उपलब्ध कराना।
फॉर्मेसियों, दवा प्रयोगशालाओं में वृद्धि एवं बेहतर औषध प्रवर्तन तंत्र (Improved Enforcement Mechanism of Drugs) द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं की उपलब्धता बढ़ाना।
भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथी विभाग (भाचिप एवं हो.) [Department of Indian System of Medicine and Homeopathy- (ISM&H) ] की स्थापना मार्च, 1995 में की गई थी।
नवंबर, 2003 में इसका नाम बदलकर ‘आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष) विभाग’ रखा गया।
ऐसा इसलिए किया गया ताकि आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों में शिक्षा और अनुसंधान के विकास पर ध्यान संकेंद्रित किया जा सके।
विभाग आयुष से संबंधित शैक्षिक मानकों के उन्नयन (Upgradation of Ayush Educational Standards), औषधों के गुणवत्ता नियंत्रण एवं मानकीकरण (Quality Control and Standardi- zation of Drugs), औषधीय पादपों की उपलब्धता में सुधार (Improving the Avalibility of Medicinal Plant Material), भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावकारिता के बारे में अनुसंधान और विकास करने के साथ-साथ उनके बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए निरंतर तत्पर है।


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