कृषि खेती और उद्यानिकी >>> ऐसे करें जीरे की उन्नत खेती >>सिंचाई

सिंचाई
पहली हल्की सिंचाई बुवाई के तुरन्त बाद की जाती है। इस सिंचाई के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्यारियों में पानी का बहाव अधिक तेज न हो। दूसरी सिंचाई बुवाई के एक सप्ताह पूरा होने पर जब बीज फूलने लगे तब करें। इसके बाद मृदा की संरचना तथा मौसम के अनुसार 15-25 दिन के अन्तराल पर 5 सिंचाईयां पर्याप्त होगी। फव्वारा विधि द्वारा बुवाई समेत पांच सिंचाईयां बुवाई के समय, दस, बीस, पचपन एवं अस्सी दिनों की अवस्था पर करें। फव्वारा तीन घण्टे ही चलायें।


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जलवायु
उपयुक्त किस्में- आर.जेड. – 19, आर.जेड. – 209, आर.जैड. – 223, गुजरात जीरा -4 (जी.सी-4)
भूमि तथा भूमि की तैयारी
खाद एवं उर्वरक
बीजदर व बीजोपचार
बुवाई का समय व तरीका
सिंचाई
निराई-गुड़ाई
कटाई
भण्डारण
अन्य विषय

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