History of Modern India >> 1857 की क्रांति विस्तारपूर्वक >>> 1857 के क्रांतिकारियों की सूची >>ठाकुर किशोर सिंह, रघुनाथ राव

ठाकुर किशोर सिंह, रघुनाथ राव
हिंडोरिया के ठाकुर किशोर सिंह और उनकी पत्नी के बीच वार्तालाप चल रहा था। चर्चा का विषय यह था कि क्या ठाकुर किशोर सिंह को ब्रितानियों के विरुद्ध हथियार उठाने चाहिए या नहीं। चर्चा का आरंभ करते हुए ठकुराइन ने कहा- हमारे क्षेत्र के सभी जागीरदारों ने ब्रितानियों के विरुद्ध हथियार उठाकर न केवल अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है, अपितु मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन भी किया है। केवल आप ही हैं जो अभी तटस्थ हैं।

अपनी पत्नी के मंतव्य को समझते हुए ठाकुर किशोर सिंह ने कहां- मेरे तटस्थ रहने का सबसे बड़ा कारण यह रहा है कि अभी तक सहयोग के लिए मुझे किसी ने आमंत्रित ही नहीं किया।

इस पर उनकी पत्नी ने कहा- विवाहोत्सवों या इसी प्रकार के व्यक्तिगत आयोजनों में तो निमंत्रण भेजने की प्रथा होती है, लेकिन सार्वजनिक हित के कार्यों में तो व्यक्ति को अपनी ओर से ही सहयोग देना चाहिए। आप अपनी तटस्थता अभी भी भंग कर सकते हैं। आपको अकेले ही ब्रितानी सेना से जूझ पड़ना चाहिए।

ठाकुर किशोर सिंह ने यहीं किया। उन्होंने अपनी सेना को संगठित करके अपने ज़िले दमोह के मुख्यालय पर स्थित ब्रितानी सेना पर आक्रमण कर दिया। दमोह वर्तमान में मध्य प्रदेश का एक जिला है। उस समय वह कंपनी सरकार के अंतर्गत था। ठाकुर किशोर सिंह की सेना ने 10 जुलाई, 1857 को ब्रितानी सेना को परास्त करके दमोह पर अधिकार कर लिया। दमोह के डिप्टी कमिश्नर को भागकर नरसिंह पुर में शरण लेनी पड़ी।

एक छोटे से जागीरदार के हाथों पराजित होना ब्रितानी सेना के लिए बड़ी शर्मनाक घटना थी। इस पराजय का बदला लेने के लिए बहुत बड़ी सेना खड़ी की गई और 25 जुलाई, 1857 को आक्रमण करने ब्रितानी सेना ने दमोह को वापस अपने अधिकार में लेने में सफलता प्राप्त की। ब्रितानी सेना ने अब ठाकुर किशोर सिंह की जागीर हिंडोरिया पर आक्रमण किया। ठाकुर किशोर सिंह ब्रितानियों के हाथ नहीं लग सके। वे जंगल में निकल गए। वह नरसिंह जीवन-भर जंगल में ही रहे। ब्रितानियों से संधि करने की बात कभी उनके मन में नहीं आई। ठाकुर किशोर सिंह के सहयोगी और किशनगंज के सरदार रघुनाथ राव ने ब्रितानी सेना के साथ युद्ध जारी रखा। अंततोगत्वा वे गिरफ़्तार कर लिए गए और ब्रितानियों ने उन्हें फाँसी के फंदे पर झुला दिया।


इस विषय से सम्बन्धित अध्ययन सामग्री
नाना साहब पेशवा
बाबू कुंवर सिंह
मंगल पाण्डेय
मौलवी अहमद शाह
अजीमुल्ला खाँ
फ़कीरचंद जैन
लाला हुकुमचंद जैन
अमरचंद बांठिया
झवेर भाई पटेल
जोधा माणेक बापू माणेक भोजा माणेक रेवा माणेक रणमल माणेक दीपा माणेक
ठाकुर सूरजमल
गरबड़दास मगनदास वाणिया जेठा माधव बापू गायकवाड़ निहालचंद जवेरी तोरदान खान
उदमीराम
ठाकुर किशोर सिंह, रघुनाथ राव
तिलका माँझी
देवी सिंह, सरजू प्रसाद सिंह
नरपति सिंह
वीर नारायण सिंह
नाहर सिंह
सआदत खाँ
अन्य विषय

पढने हेतु अन्य अध्ययन सामग्री