कुछ अधिनियमों अौर विनियमों का विधिमान्यकरण।
1 [31ख. अनुच्छेद 31क में अंतर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों अौर विनियमों में से अौर उनके उपबंधों में से कोई इस अाधार पर शून्य या कभी शून्य हुअा नहीं समझा जाएगा कि वह अधिनियम विनियम या उपबंध इस भाग के किन्हीं उपबंधों द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत है या उसे छीनता है या न्यून करता है अौर किसी न्यायालय या अधिकरण के किसी प्रतिकूल निणर्य, डिग्री या अादेश के होते हुए भी, उक्त अधिनियमों अौर विनियमों में से प्रत्येक, उसे निरसित या संशोधित करने की किसी सक्षम विधान-मंडल की शक्ति के अधीन रहते हुए, प्रवृत्त बना रहेगा।]