बारिश का मौसम है और भारत में जगह जगह बाढ अक्सर आती रहती है, लेकिन यदि आप सावधानी बरतें तो बाढ से बच सकते हैं। नीचे कुछ उपाय दिए गए हैं
अगर बाढ़ आने तक कुछ वक्त है
बिजली का मैन स्विच बंद कर दें।
अगर संभव हो, पानी और गैस की लाइने बंद कर दें।
घर के कीमती वस्तुएं तथा कागज़ात अपने पास रखें या ऊपरी मंज़िल में ले जाएं।
घर की प्लास्टिक की बोतलें पानी से भर लें।
घर के टब, सिंक, और बाल्टियों को ब्लीच से धोएं, फिर पानी से धोएं, फिर उसमें पीने का पानी भर लें।
बगीचे के सामान घर में ले आएं या कसकर किसी पेड़ या इमारत से बांध दें।
अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर घर की बाहरी दीवारों के चारों ओर बोरियां लगाएं।
अधिकारियों की सूचना के लिए रेडियो सुनते रहें।
जब बाढ़ आ चुकी है
बहते पानी में पैदल न चलें। ६ इंच (आधा फुट) पानी में आप गिरकर बह सकते हैं।
पानी में डूबे रास्ते में गाड़ी न चलाएं। कोई दूसरा रास्ता ढूंढें। एक फुट पानी में आप गाड़ी पर नियंत्रण खो सकते हैं।
बढ़ते पानी में आपकी गाड़ी अगर रुक जाए तो तुरंत गाड़ी छोड़कर ऊंचे इलाके की ओर जाएं।
गिरे हुए बिजली के तार से बहुत सावधान रहें। अगर यह पानी में गिर जाएं तो उस पानी में हर व्यक्ति मौत का शिकार हो सकता है। घर में डूबे हुए बिजली के तार से भी यह खतरा है।
सांप तथा अन्य जानवर आपके घर में घुस सकते हैं, उनसे सावधान रहें।
आस-पास के वृद्धकों, बच्चों और विकलांगों की मदद करें।
बाढ़ के दौरान और बाद में सुरक्षित भोजन और पेयजल का उपयोग करें।
संक्रमित जल से बचें और किसी भी प्रकार की त्वचा संक्रमण या जल-जनित बीमारियों के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।
जब आप बाढ़ में फंसे हुए हैं
अगर आप घर के बाहर हैं तो ऊंचे इलाके में चढ़ने की कोशिश करें।
अगर आप घर में हैं तो ऊपरी मंज़िल या छत की ओर जाएं।
आपातकालीन स्थितियों के लिए कुछ सामान अपने पास थैली में रखें।
सूखे कपड़े भी रखें।
राहतकर्मियों का इंतजार करें, तैरकर भागने की कोशिश न करें।
बाढ़ के बाद घर वापस आने से पहले स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें।
बाढ़ के पानी के साथ आए मलबे और खतरनाक वस्तुओं से बचें।
घर लौटते समय किसी भी ढांचे या दीवारों की स्थिरता की जांच करें, और अगर कोई संदेह हो तो विशेषज्ञ की मदद लें।