प्रकृति मनुष्य की मित्र है पर निबंध
हमारे सबसे आस-पास सुंदर और आकर्षक प्रकृति है जो हमें खुश रखती है और स्वस्थ जीवन जीने के लिये एक प्राकृतिक पर्यावरण उपलब्झ कराती है। हमारी प्रकृति हमें कई प्रकार के सुंदर फूल, आकर्षक पक्षी, जानवर, हरे वनस्पति, नीला आकाश, भूमि, समुद्र, जंगल, पहाड़, पठार आदि प्रदान करती है। हमारे स्वस्थ जीवन के लिये ईश्वर ने हमें एक बेहद सुंदर प्रकृति बना कर दी है। जो भी चीजें हम अपने जीवन के लिये इस्तेमाल करते है वो प्रकृति की ही संपत्ति है जिसे हमें सहेज कर रखना चाहिये।
हमें इसकी वास्तविकता को खत्म नहीं करना चाहिये और साथ ही इसके पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित नहीं करना चाहिये। हमारी कुदरत हमें जीने और खुश के लिये बहुत सुंदर वातावरण प्रदान करती है इसलिये ये हमारा कर्तव्य है कि हम इसको सुरक्षित और स्वस्थ रखें। आज के आधुनिक समय में, इंसानों की बहुत सी खुदगर्जी और गलत कामों ने प्रकृति को बुरी तरह प्रभावित किया है लेकिन हम सभी को इसकी सुंदरता को बनाये रखना है।
हमारे आस-पास सब कुछ प्रकृति है जो बहुत खूबसूरत पर्यावरण से घिरी हुई है। हम हर पल इसे देख सकते है और इसका लुफ्त उठा सकते है। हम हर जगह इसमें प्राकृतिक बदलावों को देखते, सुनते, और महसूस करते है। हमें इसका पूरा फायदा उठाते हुये शुद्ध हवा के लिये रोज सुबह की सैर करने के बहाने घर से बाहर जाना चाहिये तथा प्रकृति के सुबह की सुंदरता का आनन्द उठाना चाहिये। हालाँकि सूर्योदय के साथ ये दिन में नारंगी और सूर्यास्त होने के दौरान ये पीले रंग सा हो जाता है। थोड़ा और समय बीतने के साथ ही काली रात का रुप ले लेता है।
प्रकृति के पास हमारे लिये सब कुछ है लेकिन हमारे पास उसके लिये कुछ नहीं है बल्कि हम उसकी दी गई संपत्ति को अपने निजी स्वार्थों के लिये दिनों-दिन बरबाद कर रहे है। आज के आधुनिक तकनीकी युग में रोज बहुत सारे आविष्कार हो रहे जिसका हमारी पृथ्वी के प्रति फायदे-नुकसान के बारे में नहीं सोचा जा रहा है। धरती पर हमेशा जीवन के अस्तित्व को संभव बनाने के लिये हमारी प्रकृति द्वारा प्रद्त्त संपत्ति के गिरते स्तर को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। अगर हमलोग अपने कुदरत को बचाने के लिये अभी कोई कदम नहीं उठाते है तो ये हमारी आने वाली पीढ़ी के लिये खतरा उत्पन्न कर देगा। हमें इसके महत्व और कीमत को समझना चाहिये इसके वास्तविक स्वरुप को बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिये।
धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है। एक माँ की तरह हमारा लालन-पालन, मदद, और ध्यान देने के लिये हमें अपने प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिये। अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। हमारी कुदरत ढ़ेर सारी प्राकृतिक सुंदरता से सुशोभित है जिसका हम किसी भी समय रस ले सकते है। पृथ्वी के पास भौगोलिक सुंदरता है और इसे स्वर्ग या शहरों का बगीचा भी कहा जाता है। लेकिन ये दुख की बात है कि भगवान के द्वारा इंसानों को दिये गये इस सुंदर उपहार में बढ़ती तकनीकी उन्नति और मानव जाति के अज्ञानता की वजह से लगातार ह्रास हो रहा है।
प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।
प्रकृति सभी के जीवन का महत्वपूर्ण और अविभाज्य अंग है। खूबसूरत प्रकृति के रुप में भगवान के सच्चे प्यार से हम सभी धन्य है। कुदरत के सुख को कभी गँवाना नहीं चाहिये। कई प्रसिद्ध कवियों, लेखक, पेंटर, और कलाकार के कार्य का सबसे पसंदीदा विषय प्रकृति होती है। प्रकृति भगवान की बनायी सबसे अद्भुत कलाकृति है जो उसने बहुमूल्य उपहार के रुप में प्रदान की है। प्रकृति सब कुछ है जो हमारे आसपास है जैसे पानी, हवा, भूमि, पेड़, जंगल, पहाड़, नदी, सूरज, चाँद, आकाश, समुद्र आदि। कुदरत अनगिनत रंगों से भरी हुई है जिसने अपनी गोद में सजीव-निर्जीव सभी को समाहित किया है।
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प्रकृति मनुष्य की मित्र है ईस पर नीबंध
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प्रकृति मनुष्य की मिऋ है
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Gdbhejsu3uvsu = 13, then what is u
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