सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का गरीबी दूर करने के लिए
बीते तीन वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक आर्थिक सुधारों के अहम कदम उठाए हैं। दरअसल अगर 1991 के उदारवादी प्रयासों को आर्थिक सुधारों की दिशा में पहला और 1998 से 2004 के बीच वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक बदलावों को सुधारों के लिए दूसरा कदम माना जाता है तो स्पष्ट तौर पर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम आर्थिक सुधारों का तीसरा और अहम चरण है। इतना ही नहीं मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों का दायरा और इसका निरंतर बढ़ता प्रभाव इतना विस्तृत है कि इन सुधारों ने पहले और दूसरे चरण के आर्थिक सुधारों को मीलों पीछे छोड़ दिया है।
20 मई 2014 को निर्वाचित-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में बीजेपी संसदीय दल और एनडीए सहयोगियों की बैठक में ऐतिहासिक भाषण दिया था। इस भाषण में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि एनडीए सरकार गरीबों की, गरीबों द्वारा और गरीबों के लिए सरकार होगी। कम शब्दों में कहें तो एनडीए सरकार गरीबों को समर्पित होगी। गरीबी को निर्मूल खत्म करने और देश के गरीबों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन का यही दृढ़ संकल्प आर्थिक सुधारों का तीसरा संस्करण है। मोदी सरकार का परिवर्तन का यही मंत्र है।
देश की गरीबी दूर करने के कई दृष्टिकोण हैं। मोदी सरकार देश को अनुवांशिक रूप से बदलना चाहती है और सुधारों का तानाबाना इन्हीं विभिन्न दृष्टिकोणों पर आधारित है। सबसे पहले, सरकार देश को आर्थिक विकास के उस पथ पर ले जाना चाहती है जिससे अगले एक दशक तक मजबूत विकास दर (7-8 फीसदी की जीडीपी दर) हासिल की जा सके। आर्थिक सुधारों की एक बड़ी लहर सभी स्थिर नौकाओं को चलायमान कर देगी और भारत को तेजी से विकास करना होगा जिससे लोग गरीबी से बाहर आ सकें। तेज विकास से नौकरियां पैदा होंगी, धन सृजन होगा और कर राजस्व बढ़ेगा। इन सबसे सभी भारतीयों को तमाम अवसर और लाभ हासिल होंगे। तेज विकास के लिए अच्छे से काम करने वाले बाजार चाहिए जिसमें कंपनियां निवेश करें और तरक्की करें। तेज विकास के लिए व्यापार करने की आसानी होनी चाहिए और जिसमें लालफीताशाही और भ्रष्टाचार की गुंजाइश न हो। भारत निरंतर तेज़ विकास से ही बदलेगा और कम आमदनी वाले देश की छवि से निकलकर अगले दो दशक में मध्य आय वाला देश बन जाएगा।
गरीबी दूर करने का दूसरा नजरिया यह है कि मोदी सरकार गरीबों की किस तरह मदद कर रही है। सरकार का फोकस उन्हें अधिकार देना है न कि उन्हें अधिकार पर आश्रित बनाना है। सरकार ने लोकप्रियता कमाने का रास्ता छोड़कर लंबे समय तक फायदा पहुंचाने वाले कार्यक्रम शुरू किए हैं। स्व पोषित विकास का रास्ता न अपनाकर लोकप्रिय योजनाएं लागू करने से सरकार के वित्तीय संसाधनों पर बुरा असर पड़ता है। एक के बाद एक चुनावों से साबित हो चुका है कि गरीब जीवन-यापन के अवसर और बेहतर मूलभूत सुविधाओं और सेवाओं को तरजीह देते हैं न कि चुनावी मौके पर दिए गए छोटे-छोटे लाभों को। मोदी सरकार गरीबों को ऐसे साधन, अवसर और संसाधन मुहैया करा रही है जो उन्हें बेहतर जिंदगी देने में मददगार साबित होंगे। मोदी सरकार गरीबों को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ अपनी और अपने परिवार की देखभाल करने में सक्षम बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। हर गरीब परिवार के पास आज एक बैंक खाता है, कर्ज और बीमे के लिए कई सारे वित्तीय माध्यम हैं, उच्च शिक्षा और हुनरमंद बनने के लिए उनके पास मौके हैं, स्वास्थ्य बीमा, बिजली, सड़कें और अन्य आवश्यक ढांचागत सुविधाएं हैं। हर ग्रामीण और शहरी घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं। महिलाओँ को एलपीजी से चलने वाले चूल्हे दिए जा रहे हैं ताकि वे लकड़ी और उपलों से खाना बनाने से मुक्ति पा सकें।
एक तरफ गरीबों को अधिकार संपन्न किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उनकी सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। गरीबी उन्मूलन की दिशा में ये तीसरा सबसे बड़ा आयाम है। सरकार की सामाजिक सुरक्षा का तानाबाना गरीबों को उनकी बुनियादी जरूरतें जैसे खाद्य (खाद्य सुरक्षा कानून का प्रभावी परिपालन), घर (प्रधानमंत्री आवास योजना), शिक्षा (सर्व शिक्षा अभियान), स्वास्थ्य सेवा, बीमा (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना) और आमदनी में सहयोग (मनरेगा) मुहैया कराया जा रहा है। कोई भी भारतीय भूखे पेट न सोए और उसे इस बात की चिंता न हो कि कल क्या होगा। इस सूत्र वाक्य को चरितार्थ करने के लिए मोदी सरकार ने JAM (जनधन, आधार और मोबाइल) के शक्तिशाली सामाजिक सुरक्षा मंच का प्रयोग किया है जिससे हर व्यक्ति की अपनी अलग पहचान हो, उसके पास बैंक खाता हो और वो अपने मोबाइल फोन पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके। सामाजिक सुरक्षा का ये प्लेटफार्म आज देशवासियों को सरकार की कल्याणकारी सेवाएं उपलब्ध कराता है।
गरीबों को समर्पित किसी भी सरकार को पारदर्शी, प्रतिक्रियाशील और निष्पक्ष शासन मुहैया कराना चाहिए। लंबे समय तक देश के गरीबों की अनदेखी होती रही और ताकतवर लोग उनके साथ न सिर्फ भेदभाव करते रहे, बल्कि उनका शोषण भी करते रहे। गरीबों को योग्यता आधारित जीविका के पथ से अलग कर दिया गया, बुनियादी सेवाओं के लिए भी उन्हें रिश्वत देने पर मजबूर किया गया और उनकी शिकायतों और समस्याओं का निवारण तो दूर, उन्हें सुना तक नहीं गया। मोदी सरकार ने स्वच्छ शासन के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में योग्यता के आधार पर चयन के लिए इंटरव्यू का प्रावधान खत्म कर दिया गया। इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस इग्जाम (प्रवेश परीक्षाएं) के लिए पूरे देश में एक जैसी व्यवस्था अपनाते हुए अब NICE और NEET को माध्यम बना दिया गया है। रिश्वतखोरी बंद करने के लिए जमीनों के रिकॉर्ड की दाखिल-खारिज और जन्म प्रमाण पत्र जैसी सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण कर दिया गया है। वास्तव में आज लगभग हर सरकारी विभाग शिकायतों को फोन और ऑनलाइन रजिस्टर करने लगा है। शिकायत निवारण पर नजर रखी जाती है और समय पर निदान के लिए कड़ी समयसीमा का पालन किया जा रहा है।
मोदी सरकार की देश बदलने की प्रक्रिया और पहल पूरी तरह गरीबी उन्मूलन को समर्पित है। तीन वर्षों में परिवर्तन की इस पहल से व्यापक असर हुआ है और देश में गरीबों के जीवन में गुणात्मक बदलाव आ रहा है। मेरे अपने गृह राज्य झारखंड में, बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिनका वर्षों से निराकरण नहीं हुआ और गरीब जिनसे परेशान थे, अब खत्म हो रही हैं। आज हर गरीब को विश्वास और भरोसा है कि उसे भोजन और आवास मिलेगा, बच्चों के लिए शिक्षा और पोषण मिलेगा और युवाओं को जरूरी प्रशिक्षण मिलेगा। आज करीब-करीब हर गांव का विद्युतीकरण किया जा रहा है, गांवों को पक्की और किसी भी मौसम में खराब न होने वाली सड़कों से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनका और देश का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
Good
Jo log rode pe sote hey khali peth rahte hey garib hone ke karan unko kam nhi milata ya yesi koi sarkar dwara banayi huvi company nhi jo unko kam pe rakhe to yese me wo bude garib log khy kare
Wo log rahne ke liye jag nhi
Khane ke liye pise nhi
Bhik magte hey singnl pe rode pr
Dawai nhi milti bimari hoti hey to
...?
Is pe manniya desh ke pradan matri modi saheb ne dhyn dena chaiye ki unke liye kuch to karna chayiye
Jo insan kamata hey khata hey lekin jo insan akela rode pe rhrta hey kachra jama krke din gujarta hey kisi rode pe ya bus top pe
In logo ke liye khy kr sakte hey ..
In logoka haal dekha nhi jaata
Agar job krne wala insan 1 month job jaata hey to wo itna parishn rehta hey
To socho ye log pet ke liye khy khy kr sakte hey
.....?
Nirdhanta unmulan ko sarkar ne kaise bataya
Garibi ke parbav bataiye
निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की सूची बनाईएं
जाति और वर्ग के बदलते रूप और उसके भारतीय राजनीति के साथ सम्बन्ध की आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये |
गरीबी हटाने के लिए स्वतंत्र भारत द्वारा अपनाए गए मुख्य कदमों की चर्चा किजीए
वर्तमान में गरीबी भारत का एक मूल समस्या है इसे दूर करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करे ।
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