मसाला उद्योग प्रोजेक्ट
भारतीय खाने में मसालों का स्थान हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा हैं.
विश्व में भारतीय खाने की पहचान इसमें डालें गये मसालें ही हैं इसलिए
मसालों की मांग हमेशा मार्किट में बनी रहती हैं. अगर आप अपना व्यवसाय शुरू
करना चाहते हैं तो आप आसानी से मसाले बनाने की यूनिट लगा सकते हैं. इस
बिज़नस में लागत कम आती हैं और प्रॉफिट आपको ज्यादा मिल सकता हैं.
आप अपनी कैपिटल अमाउंट के अनुसार मसाले मैन्युफैक्चरिंग के बिज़नस को
शुरू कर सकते हैं. आप इस बिज़नस को लघु स्तर पर, मध्यम स्तर पर और बड़े
पैमाने पर शुरू कर सकते हैं. अत्यंत लघु स्तर पर मसाले मैन्युफैक्चरिंग
इकाई आप अपने घर पर शुरू कर सकते हैं. हमारे यहाँ मसालों की मांग इतनी हैं
कि लघुतम इकाई भी आपको लाभ ही पहुंचाएगी.
आज के आर्टिकल में हम आपको मसालों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट छोटे स्तर
पर लगाने के विषय में जानकारी देंगे. भारत में सभी प्रकार के मसालों को
उगाया जाता हैं. पहलें घरों में ही मसालों को कुटा जाता था लेकिन अब लोगों
के पास इतना समय ही नहीं हैं. ऐसे में अगर आप ठीक रेट पर अच्छी क्वालिटी का
मसाला उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायेंगे तो आपके बिज़नस में आपको फायदा ही
होगा.
आप अपनी मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को छोटे स्तर पर लगायें या बड़े
स्तर पर आपको रजिस्ट्रेशन की सारी प्रक्रिया को फॉलो करनी पड़ेगी. इस बिज़नस
के रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस कुछ इस तरह से हैं.
Black whole and ground (काली मिर्च) ISI-1798-1961
Chilli powder (मिर्च पाउडर) ISI-2445-1963
Coriander powder (धनिया पाउडर) ISI-2444-1963
Curry powder (करी पाउडर) ISI-1909-1961
Turmeric powder (हल्दी पाउडर ) ISI-2446-1963
Methods of sampling and test of Spices and condiment ISI-1997-196
CFTRI, Mysore,ने एक तकनीकी दिशा निर्देश की जानकारी विकसित की है ,जो AGMARK की सर्टिफिकेशन के लिए आवश्यक मानीं जाती है .
मसालों के प्रोडक्शन एरिया के लिए लगभग 75 स्क्वायर फीट की जगह की
आवश्यकता होती हैं. पैकिंग एरिया और गोडाउन के लिए 150 स्क्वायर फीट की जगह
चाहिए होगी. मसाले ग्राइंड करने के लिए और उन्हें प्रोसेस करने के लिए
सिंपल मशीनरी और उपकरणों की आवश्यता होती हैं.
मसालों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए आपको dis integrator इंस्टाल कराना
होगा. इसके साथ ही स्पाइस ग्राइंडर और पाउच सीलिंग मशीन की भी आवश्यता
होगी. मसालों का भार तौलने के लिए वेट मशीन का होना भी आवश्यक हैं. इसके
लिए आप पूरी तरह से आटोमेटिक मशीन भी ले सकते हैं. जिसमें ग्राइंडिंग, वेट
मापना ओर पैकिंग सब एक प्रोसेस में अपने आप होता रहेगा.
कच्चे माल में आपको साबुत हलदी, साबुत काली मिर्च, साबुत धनिये की जरूरत
होगी. जितना अच्छा आपका कच्चा माल होगा उतनी ही अच्छी क्वालिटी आपके
प्रोडक्ट की भी होगी.
मसाले बनाने के प्रोसेस में साबुत मसालों को साफ़ करना फिर उन्हें
सुखाना, साफ़ व सूखे हुए मसालों को भूनना और उन्हें छानना आदि आता हैं. उसके
बाद मसालों की पैकिंग का काम किया जाता हैं. मसालों की सफाई मैन्युअली की
जाते हैं. साबुत मसालों की सफाई में मसालों से कंकर या मिटी निकली जाती
हैं. फिर मसालों को धुप में सुखाया जाता हैं. उसके बाद मसालों को ग्राइंड
किया जाता हैं. मसाले ग्राइंड करने की मशीन 85,000 रूपये में मिल सकती हैं.
Masala udyog project
Mashala udyog hindi me bna bnaya project btaiye
Muje masala powder ki jankari de
मुझे मसाला, मिर्च, हल्दी पिसने का पूरा यूनिट लगाना है
इसलिए मुझे आपकी गाइडेंस की जरूरत है कृपया मुझे हेल्प करो
Prakalp Msalyancha marathi mudyanusar 1prstavna, 2nishakarsh
1 ghante me 100 kg mirci pawdar baneko kitana hp machine lagana chaiye
सर मसाले उद्योग प्रशिक्षण कुठून मिळेल
niks.bhav8057@gmail.com
धनिया पीसने में अच्छा कलर नहीं आता ग्राहक अच्छा कलर मांगते हैं धनिया में अच्छे कलर के लिए क्या मिलाए मिर्च में अच्छे कलर के लिए क्या मिलाए और यह कलर कहां मिलेंगे my whats app 8923269381
मसाला ट्रेनिग पूर्ण पणे कोठे मिळेल
में मसाला पिसाई मशीन चाहता हु।
Hii sir namaskar masala business ki jaankari achi thi
Msala pisane ka Mason lagana hae
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