ब्लड प्रेशर नापने का तरीका
रक्तचाप अर्थात ब्लड प्रेशर, रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर डाले गये दबाव को कहा जाता है। किसी स्वस्थ वयस्क व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप पारा, 90 और 120 मिलिमीटर के बीच होता है। सामान्य डायालोस्टिक रक्तचाप पारा, 60 से 80 मिलिमीटर के बीच होता है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ 120/80 को सामान्य रक्तचाप मानते हैं।
रक्तचाप के सामान्य से अधिक होने को उच्च रक्तचाप और नीचे होने को निम्न रक्तचाप कहा जाता है। रक्तचाप यदि सामान्य न हो, तो इससे व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं। इसलिए इसे समय-समय पर मापते रहना जरूरी होता है। रक्तचाप को मापने वाले यंत्र को रक्तचापमापी या स्फाइगनोमैनोमीटर कहते हैं। जरूरी नहीं कि आप रक्तचाप की जांच कराने के लिए अस्पताल या डॉक्टर के पास ही जायें। रक्तचाप मापने वाले कुछ नवीन उपकरणों व सही जानकारी की मदद से आप घर पर ही अपने रक्तचाप को जांच सकते हैं। तो चलिए आज इस विषय पर थोड़ा विस्तार में बात करते हैं और आपको रक्तचाप, इसकी जांच और इससे संबंधित सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
दरअसल धमनियां वह नलिकाएं हैं जो रक्त को पंप कर रहे हृदय से इसे शरीर के सभी ऊतकों और इंद्रियों तक ले जाती हैं। हृदय, रक्त को धमनियों में पंप करके धमनियों में रक्त के प्रवाह को ठीक करता है और इस पर लगने वाले दबाव को ही रक्तचाप कहा जाता है। किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सिस्टोलिक / डायास्टोलिक कहा जाता है। जैसे 120/80 सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों में दबाव को बताती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती हैं। डायालोस्टिक रक्त चाप अर्थात नीचे वाली संख्या धमनियों में उस दाब को दर्शाती है जब मांसपेशियों में संकुचन के बाद हृदय की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है। रक्तचाप हमेशा उस समय ज्यादा होता है जब हृदय रक्त को पंप कर रहा होता है बनिस्बत जब कि वह शांत होता है।
रक्तचाप नापने वाले उपकरण को रक्तचापमापी (Sphygmomanometer) कहते हैं। यह दो प्रकार की होता है। आजकल, कई फार्मेसियों, केमिस्ट और कुछ इंटरनेट साइटों पर आपको घर पर उपयोग की जाने वाली रक्तचापमापी आसानी से उपलब्ध होती है। सभी रक्तचापमापियों में कुछ सामान्य भाग होते हैं, जैसे एक हवा वाला कफ या पट्टा, गेज (पैमाना) और कभी-कभी एक स्टेथोस्कोप (रक्तचापमापी के प्रकार पर निर्भर करता है)।
इसमें दाबमापी यंत्र के साथ-साथ एक आला की भी जरूरत पड़ती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए इसके प्रयोग का सही प्रशिक्षण होना जरूरी होता है, नहीं तो रक्तचाप के गलत आंकड़े होने की आशंका रहती है।
आटोमटिक रक्तचापमापी में सब कुछ जैसे, फुलाना, रक्त-संचार का अनुभव करना आदि खुद-ब-खुद ही होता है और ये रक्तचाप की माप बताती है। ये रक्तचापमापी डिजिटल या यांत्रिक प्रकार की हो सकती है।
मैनुअल रक्तचापमापी में एक पंप होता है, जिससे रबर की एक नलिका लगी रहती है। यह नलिका आगे चलकर दो भागों होते हैं, इसके एक भाग का में पारे वाला यंत्र जुड़ा रहता है। इसमें बेंड को हाथ (बाइसेप्स) पर कस कर बांध दिया जाता है और फिर पंप से हवा भरी जाती है। और ठीक उसी समय स्टेथस्कोप से स्पंदन के समय की ध्वनि सुनी जाती है। जब बेंड में हवा का दबाव धमनीगत रक्तचाप से अधिक हो जाता है, तब धमनी दब जाती है और आवाज सुनाई नहीं देती, जिस वजह से पारे वाले यंत्र में भी कंपन नहीं दिखता। अब पंप के पेंच को ढीला करके बेंड से हवा धीरे धीरे निकाल लेते हैं। इस समय जैसे ही स्टेथस्कोप से आवाज सुनाई दे यंत्र पर लगे पैमाने पर पारे की रीडिंग देख ली जाती है।
ये रीडिंग सिस्टोलिक रक्तचाप होता है। अधिक हवा निकालने से आवाज तेज होती जाती है और फिर धुंधली हो जाती है, बाद में यह बंद ही हो जाती है। आवाज के एकदम बंद होने के पहले धुंधली आवाज के समय परो वाले यंत्र की रीडिंग ले ली जाती है। यही डायास्टोलिक रक्तचाप की रीडिंग होती है। हालांकि आटोमटिक रक्तचापमापी में झंझट थोड़े कम होते हैं, लेकिन इसकी रिडिंग कई बार गड़बड़ हो सकती है। हालांकि, अब अधिकतर डॉक्टर भी ऑटोमैटिक मशीन का ही उपयोग करना ही पसंद करते हैं।
आपको रक्तचाप की जांच कितनी बार करनी है इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। हमेशा यह याद रखें कि कुछ कारक रक्तचाप को अस्थायी रूप से बढ़ा सकते हैं। सामान्य रूप से रक्तचाप तनाव, धूम्रपान, ठंडे तापमान, भारी व्यायाम, पेट अधिक भरने, भरे हुए मूत्राशय, कैफीन व कुछ दवाओं आदि के कारण बढ़ता है। इसलिए रक्तचाप मापने से पहले इन कारकों से बचें। इसके अलावा हर बार तय समय पर ही रक्तचाप मापने का प्रयास करें।
साथ ही जांच से पहले कम से कम पांच मिनट के लिए आराम करें। देर तक चलने, सीढ़ियां चढ़ने व दौड़ने के तुरंत बाद जांच कराने पर बल्डप्रेशर बढ़ा हुआ आता है। ध्यान रखें कि जांच के समय कुर्सी पर आराम से बैठें और पैर जमीन पर ठीक से रखें हों, तथा बांह और रक्तदाब मापक-यंत्र ठीक ऊंचाई पर हो। रक्तदाब मापक यंत्र के बांह पर बांधे जानेवाले कफ की चौड़ाई बाजू की मोटाई के हिसाब से होनी चाहिए। कफ इतना चौड़ा होना चाहिए कि बांह का लगभग तीन-चौथाई घेरा उसमें आ जाए। रक्तचाप मापने के लिए हमेशा जांचा हुआ यंत्र ही प्रयोग में लाना चाहिए।
रक्तचाप संबंधी बीमारियों के एक विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि उच्च रक्तचाप की निगरानी घरेलू स्तर पर की जाए तो इससे काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। शोधों में भी में पाया गया है कि ऐसे 10 से 20 प्रतिशत लोग जिनका चिकित्सक के द्वारा अस्पताल मे रक्तचाप नापा गया, वे बाहर बिल्कुल सामान्य रहते हैं। ठीक इसी प्रकार ऐसे भी लोग हैं जिनका रक्तचाप चिकित्सक के सामने तो ठीक रहता है लेकिन बाहर वह खतरनाक ढ़ंग से बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार घर पर जांच का फायदा यह है कि वह कई अलग-अलग समयों पर की जा सकती है।
रक्तचाप जांच करने की मशीन की कीमत भी किफायती होती है और साथ ही इससे आप बार-बार डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाने के झंझट से भी बच जाते हैं। किसी आपात स्थिति में सही समय पर रक्तचाप की जांच कई गंभीर समस्याओं से समय रहते बचा सकती है।
Blood pressure napne ki vidhi samjh
aie
ब्लड शुगर की जांच कैसे की जाती है?
Stethoscope se bp lene ki method ko kya bolte h
Bp napne ki vidhi likhiye
Peed mai dard
Blood pressure lowest or highest kitna hona chahiy
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।