पर्यटन का आर्थिक महत्व
आदिकाल से ही मनुष्य पर्यटन करता रहा है। जब हमारे पूर्वज खाने की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे, उनका पर्यटन खुद ही हो जाता था। आज हम सभी देश और विदेशों में पर्यटन के लिए जाते है। भारत में दिल्ली, आगरा, जयपुर, कोलकाता, शिमला, श्रीनगर, मसूरी, नैनीताल जैसी अनेक प्रसिद्ध जगहें है जहाँ लोग पयर्टन के लिए जाते है। “पयर्टन” शब्द का अर्थ है विस्तृत भूभाग पर घूमने वाला, भ्रमण करने वाला। पर्यटन किसी यात्रा को कहते है जो घूमने के लिए की जाती है।
अक्सर हम सभी अपनी रोज की जिंदगी से बोर हो जाते है। अपनी रोज की जिंदगी से बाहर निकलने के लिय लोग पर्यटन पर जाते है। इसमें मनोरंजन औऱ आनन्द मिलता है, साथ ही देश दुनिया की नई जानकारी भी मिलती है। भारत में हर साल 50 लाख से भी अधिक विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए आते है। पयर्टन का भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने “अतुल्य भारत” योजना 2002 में शुरू की है। देश में “ताज महल” देखने के लिए हर साल 30 लाख से अधिक पर्यटक आते है।
लंदन, बैंगकॉक, पेरिस, सिंगापुर, हांगकांग, न्यूयॉर्क, दुबई, रोम
पयर्टन से निम्न प्रकार के फायदे मिलते है-
नई नई जगहें घूमने से बहुत आनन्द मिलता है। पता चलता है की दुनिया में कितनी विलक्ष्ण चीजे है। दुनिया के 7 अजूबे जैसे ताज महल, चीन की दीवार, गिज़ा का पिरामिड, माचू पीचू, रोम का कोलोसम, पेट्रा, ब्राजील की क्राइस्ट दी रिडीमर प्रसिद्ध स्थान है जहाँ लोग पर्यटन के लिए जाते है। हमारे देश में लोग जयपुर, नैनीताल, शिमला जैसे पर्वतीय स्थलों को देखने के लिए जाते है।
इसका बड़ा फायदा है की इसमें हजारो लोग काम कर रहे है। विश्व में लंदन, बैंगकॉक, पेरिस, सिंगापुर, हांगकांग, न्यूयॉर्क, दुबई, रोम जैसे शहर पूरी तरह से पर्यटन पर आश्रित है। अगर भारत की बात करे तो अनेक राज्य जैसे जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तरी पूर्व राज्य जैसे आसाम, गुवाहाटी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्य पूरी तरह से पयर्टन पर आधारित है। उनकी अर्थव्यवस्था इसी पर टिकी हुई है।
साल 2016 के सितंबर में भारत में पर्यटन द्वारा विदेशी मुद्रा की कमाई 11,642 करोड़ रुपये रही थी। सितंबर 2017 में भारत ने टूरिज्म के जरिये विदेशी मुद्रा के रूप में 13,867 करोड़ रुपये की कमाई की।
भारत या विश्व भर में लोग घूमने के लिए इसलिए जाते है क्यूंकि अपने परिवार के साथ एकांत में कुछ समय बिता सके। जैसे जैसे भारत में एकल परिवार का चलन बढ़ा है। पति-पत्नी दोनों ही नौकरी करते है। कई कई हफ्तों और महीनो तक वो काम में व्यस्त होते है। उनको एक दूसरे का हाल चाल पूछने का समय नही मिलता है। अनेक बड़े बिजनेसमैन अपने बच्चो और परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने देश या विदेश में चले जाते है।
पर्यटन सिर्फ घूमने के लिए नही होता है बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए भी होता है। विश्व भर से अनेक मरीज भारत अपना इलाज करवाने आते है क्यूंकि यहाँ पर स्वास्थ्य सेवाएँ बहुत सस्ती है। भारतीय डाक्टरों को सफल कार्डियक सर्जरी, अस्थि-मज्जा ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लान्ट, ऑर्थोपैडिक सर्जरी और अन्य चिकित्सा उपचार करने में विशेषज्ञता हासिल है। पश्चिम देशो की तुलना में भारत में इलाज करवाना 30% सस्ता है।
कुछ लोगो को नई नई चीजो, विविध सभ्यता और संस्कृति देखने समझने का शौक होता है।
पर्यटन पर जाना कोई आसान बात नही है क्यूंकि इसमें 20-30 हजार से लेकर लाखों रुपये तक का खर्च आता है। ट्रेन, प्लेन के टिकट, होटल के कमरों में ठहरने में भारी खर्च होता है। पर्यटक स्थानों जैसे शिमला, नैनीताल, गोवा जैसी जगहों में रहना, खाना,-पीना बहुत महंगा होता है। यातायात, ट्रेन बुकिंग, टिकटिंग में भी काफी पैसा खर्च होता है। हवाई जहाज से सफर करने पर और भी पर्यटन महंगा पड़ता है।
आज विश्व भर से हजारो लोग लंदन, बैंगकॉक, पेरिस, सिंगापुर, हांगकांग वेश्यागमन के लिए जाते है। एम्स्टर्डम इसके लिए कुख्यात है। इस तरह से लोगो का चारित्रिक पतन होता है।
कई बार प्राकृतिक आपदा आने पर पर्यटक को जानमाल का खतरा रहता है। उदाहरण के लिए 2013 में उत्तराखंड में अनेक पर्यटक बाढ़ में फसकर मारे गये थे। कई बार विमान हादसों में लोग जान गंवा देते है। इसके अतिरिक्त लूटपाट, चोरी, बलात्कार, हत्या, राहजनी, आतंकवादी हमला का खतरा रहता है। 2008 में मुंबई में ताज होटल हमला हुआ था जिसमे 164 लोगो की मौत हो गयी थी और 308 लोग घायल हुए थे। उसमे अनेक विदेशी नागरिक मारे गये थे।
बड़ी मात्रा में पर्यटक आने पर एक तरफ आमदनी होती है, विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है, वही बड़ी मात्रा में प्रदुषण बढ़ता है। पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक की बोतल, कूड़ा- कचरा, और दूसरा कचरा ले आते है। आज वाराणसी पर्यटन की वजह से बहुत प्रदूषित हो गया है। आगरा में ताजमहल देखने लाखो लोग आते है। इस वजह से वहां पर बहुत कचरा बढ़ गया है।
किसी भी जगह पर्यटन के लिए जाने पर 10 से 20 दिन लग जाते है। इसलिए समय बहुत नष्ट होता है। उस समय में हम अपना कोई महत्वपूर्ण काम निपटा सकते है।
पर्यटन से हमारा मनोरंजन तो होता ही है, साथ ही साथ अनेक नई जानकारी मिलती है। हमारे सामान्य ज्ञान में भी वृद्धि होती है। इसलिए हम सभी को पयर्टन के लिए जाना चाहिये।
जयपुर शहर में हर वर्ष कितने पर्यटक आते है
Paryatan me govt.ke dears tourist faded ka abundant kis tarah kiyajata hai,?
Paryatan Kise Kahate Hain
मध्य प्रदेश में पर्यटन
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।