कंपनी का समापन
का परिसमापन (Liquidation or winding up) एक ऐसी कार्यवाही है जिससे कंपनी का वैधानिक अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इसमें कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है तथा शेष धन का अंशधारियों के बीच वितरण कर दिया जाता है।
कंपनी का समापन तीन प्रकार का हो सकता है :
न्यायालय द्वारा समापन के लिए प्रार्थनापत्र देने का अधिकार स्वयं कंपनी, उसके ऋणदाताओं, धनदाताओं (contributories) तथा कुछ स्थितियों में रजिस्ट्रार अथवा केंद्रीय सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति को होता है।
न्यायालय द्वारा समापन के मुख्य कारण हैं : कंपनी के सदस्यों की संख्या में कंपनी अधिनियम द्वारा निर्धारित निम्नतम संख्या में कमी तथा ऋणों के भुगतान करने में कंपनी की असमर्थता। न्यायालय को समापन के विस्तृत अधिकार प्राप्त हैं और वह जब भी कंपनी का समापन उचित एवं न्यायपूर्ण समझे इसके लिए आदेश दे सकता है। मुख्यत: प्रबंध में गतिरोध उत्पन्न होना, कंपनी का आधार समाप्त होना तथा कंपनी के बहुमत अंशधारियों के अल्पमत अंशधारियों के प्रति दमन व कपट करने की स्थिति में कंपनी का समापन उचित एवं न्यायपूर्ण माना गया है।
न्यायालय द्वारा कंपनी का परिसमापन, समापन के लिए याचिका के प्रस्तुत करने के समय से ही समझा जाता है। याचिका चाहे किसी ने भी दी हो, समापन का आदेश सभी ऋणदाताओं तथा धनदाताओं के प्रति इस प्रकार लागू होता है जैसे यह उन सबकी संयुक्त याचिका हो।
कंपनी के संबंध में समापन आदेश होने पर सरकारी समापक इसका मापक बन जाता है। वह इसकी संपत्तियाँ बेचकर ऋणदाताओं का ठीक क्रम में भुगतान करके शेष को अंशधारियों के अधिकारानुसार वितरण करता है।
कंपनी का ऐच्छिक समापन निम्नलिखित परिस्थितियों में हो सकता है-
ऐच्छिक परिसमापन दो प्रकार का होता है - सदस्यों का अथवा ऋणदाताओं का।
जब कंपनी अपने ऋणों का भुगतान करने में समर्थ हो और उसके सदस्य समापन का निश्चय करें तो यह सदस्यों का ऐच्छिक समापन कहलाता है। ऐसी परिस्थिति में कंपनी के संचालकों को यह घोषणा करनी पड़ती है कि कंपनी में अपने ऋणों का भुगतान करने की समर्थता है। ऐसे समापन में कंपनी की साधारण सभा में एक या अधिक समापकों की नियुक्ति की जा सकती है तथा उनका पारिश्रमिक भी निर्धारित किया जाता है। समापक की नियुक्ति पर संचालक मंडल, प्रबंध अभिकर्ता या एजेंट, सचिव, कोषाध्यक्ष तथा प्रबंधकों के सभी अधिकारों का अंत हो जाता है, वह केवल रजिस्ट्रार को समापक की नियुक्ति तथा उसके स्थान की रिक्ति की सूचना देने का कार्य अथवा साधारण सभा वा समापक द्वारा अधिकृत कार्यों को कर सकते हैं।
किंतु जब कंपनी अपने ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो तथा संचालक इसकी शोधक्षमता की घोषणा न कर सकें, ऐसी परिस्थिति में किए जानेवाले समापन को ऋणदाताओं का ऐच्छिक समापन कहते हैं। ऐसे समापन में यह आवश्यक है कि जिस दिन समापन संबंधी प्रस्ताव पास करने के लिए साधारण सभा बुलाई जाए उसी या उसके अगले दिन ऋणादाताओं की सभा बुलाई जाए। कंपनी के सदस्य एवं ऋणदाता अपनी अपनी सभाओं में समापक का मनोनयन कर सकते हैं। यदि सदस्यों तथा ऋणदाताओं द्वारा मनोनीत व्यक्ति भिन्न भिन्न हों तो ऋणदाताओं द्वारा मनोनीत व्यक्ति ही कंपनी का समापक नियुक्त किया जाता है। ऋणदाता अपनी उक्त सभा या किसी आगामी सभा में पाँच सदस्यों तक की एक निरीक्षण समिति नियुक्त कर सकते हैं। समापक का पारिश्रमिक निरीक्षण समिति द्वारा, इसके अभाव में ऋणदाताओं द्वारा तथा ऋणदाताओं के भी अभाव में न्यायालय द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
How many people have been a long time
Company ka sammelan
Corporate accounting Ka holding company ya subsidiary company Ka questions and answers
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।