Animal = पशु(noun) (Pashu)
पु.पशु संज्ञा पुं॰
1. लांगूलविशिष्ट चतुष्पद जंतु । चार पैरों से चलनेवाला कोई जंतु जिसके शरीर का भार खड़े होने पर पैरों पर रहता हो । रेंगनेवाले, उड़नेवाले, जल में रहनेवाले जीवों तथा मनुष्यों को छोड़ कोई जानवर । जैसे, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, ऊँट, बैल, हाथी, हिरन, गीदड़, लोमड़ी, बंदर इत्यादि । विशेष— भाषारत्न में लोम और लांगूल (रोएँ और पूँछ) वाले जंतु पशु कहे गए हैं । अमरकोश में पशु शब्द के अंतर्गत इन जंतुओं के नाम आए हैं— सिह, बाघ, लकड़बग्घा (चरग) , सूअर, बंदर, भालू, गैंड़ा, भैसा, गीदड़, बिल्ली, गोह, साही, हिरन (सब जाति के), सुरागाय, नीलगाय, खरहा, गंधबिलाव, बैल, ऊँट, बकरा, मेढा, गदहा, हाथी और घोड़ा । इन नामों में गोह भी है जो सरीसृप या रेंगनेवाला है । पर साधारणतः छिपकली, गिरगिट आदि को पशु नहीं कहते ।
2. जीवमात्र । प्राणी । यौ॰— पशुपति । विशेष— शैव दर्शन और पाशुपत दर्शन में 'पशु' जीवमात्रा की संज्ञा मानी गई है ।
3. देवता ।
4. प्रथम ।
5. यज्ञ ।
6. यज्ञ उड़ुंबर ।
7. बलि- पशु (को॰) ।
8. सदसद्विवेक से रहित व्यक्ति । मुर्ख (को॰) ।
9. छाग । बकरा (को॰) ।
पु.
प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। शब्द 'एनीमल' लेटिन भाषा के शब्द अनिमाले, नयूटर ऑफ़ अनिमालिस, से आया है और अनिमा से व्युत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है जीवित श्वास या आत्मा। आम बोल-चाल की भाषा में, इस शब्द का इस्तेमाल गैर-मानवीय जानवरों के लिए किया जाता है। [तथ्य वांछित]इस शब्द की जैविक परिभाषा में मानव सहित किंगडम आनीमाल्या के सभी सदस्य शामिल हैं। जंतुओं में कई विशेष गुण होते हैं जो उ
पशु meaning in english