said
= कहा() (Kaha)
कहा ^१ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कथन, प्रा॰ कहन, हिं॰ कहना] कथन । कहना । बात । आज्ञा । उपदेश । उ॰—जासु प्रभाव जान मारीचा । तासु कहा नहिं मानेउ नीचा । —तुलसी (शब्द॰) । कहा ^२ क्रि॰ वि॰ [सं॰ कथम्] कैसे । किस प्रकार के । उ॰— कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल कहुँ मुरली कहुँ पीत पट कहूँ मुकुट बनमाल । —बिहारी (शब्द॰) । कहा ^३ पु † सर्व॰ [सं॰ क:] क्या । (ब्रज) । उ॰—(क) नारद कर मै कहा बिगारा । भवन मोर जिन बसत उजारा । — तुलसी (शब्द॰) । (ख) कहा करों लालच भरे चपल नैन चलि जात । —बिहारी (शब्द॰) । कहा ^४ वि॰ क्या । जैसे,—कहा वस्तु ।
कहा ^१ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कथन, प्रा॰ कहन, हिं॰ कहना] कथन । कहना । बात । आज्ञा । उपदेश । उ॰—जासु प्रभाव जान मारीचा । तासु कहा नहिं मानेउ नीचा । —तुलसी (शब्द॰) । कहा ^२ क्रि॰ वि॰ [सं॰ कथम्] कैसे । किस प्रकार के । उ॰— कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल कहुँ मुरली कहुँ पीत पट कहूँ मुकुट बनमाल । —बिहारी (शब्द॰) । कहा ^३ पु † सर्व॰ [सं॰ क:] क्या । (ब्रज) । उ॰—(क) नारद कर मै कहा बिगारा । भवन मोर जिन बसत उजारा । — तुलसी (शब्द॰) । (ख) कहा करों लालच भरे चपल नैन चलि जात । —बिहारी (शब्द॰) ।
कहा ^१ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कथन, प्रा॰ कहन, हिं॰ कहना] कथन । कहना । बात । आज्ञा । उपदेश । उ॰—जासु प्रभाव जान मारीचा । तासु कहा नहिं मानेउ नीचा । —तुलसी (शब्द॰) । कहा ^२ क्रि॰ वि॰ [सं॰ कथम्] कैसे । किस प्रकार के । उ॰— कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल कहुँ मुरली कहुँ पीत पट कहूँ मुकुट बनमाल । —बिहारी (शब्द॰) ।
कहा ^१ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कथन, प्रा॰ कहन, हिं॰ कहना] कथन । कहना । बात । आज्ञा । उपदेश । उ॰—जासु प्रभाव जान मारीचा । तासु कहा नहिं मानेउ नीचा । —तुलसी (शब्द॰) ।
कहा meaning in english