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= सवैया() (Savaiya)
सवैया संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सवा + ऐया (प्रत्य॰)]
१. तौलने का एक बाट जो सवा सेर का होता है ।
२. एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में सात भगण और एक गुरु होता है । इसे 'मालिनी' और 'दिवा' भी कहते हैं । विशेष—इस अर्थ में कुछ लोग इसे स्त्री लिंग भी बोलते हैं ।
३. वह पहाड़ा जिसमें एक, दो, तीन आदि संख्याओं का सवाया रहता है ।
४. दे॰ 'सवाई' ।
सवैया एक छन्द है। यह चार चरणों का समपाद वर्णछंद है। वर्णिक वृत्तों में 22 से 26 अक्षर के चरण वाले जाति छन्दों को सामूहिक रूप से हिन्दी में सवैया कहने की परम्परा है। इस प्रकार सामान्य जाति-वृत्तों से बड़े और वर्णिक दण्डकों से छोटे छन्द को सवैया समझा जा सकता है। कवित्त - घनाक्षरी के समान ही हिन्दी रीतिकाल में विभिन्न प्रकार के सवैया प्रचलित रहे हैं। रसखान के सवैये बहुत प्रसिद्ध हैं। कुछ उदाहरण-
सवैया meaning in english
एकमात्र संत कवि जो साहित्य - मर्मज्ञ एवं पद - साखियों के अतिरिक्त कवित सवैया लिखने में सिद्धहस्त थे ?
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meaning in Gujarati: સવાયા
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meaning in Marathi: सव्या
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meaning in Bengali: সাওয়ায়া
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meaning in Telugu: సవాయా
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meaning in Tamil: சவாயா
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