Wire = तार(noun) (Taar)
विद्युत को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने हेतु उपयोग किया जाने वाला वस्तु। तार ^1 संज्ञा पुं॰
1. रूपा । चाँदी ।
2. (सोना, चाँदी ताँबा, लोहा इत्यादि), धातुओं का सूत । तपी धातु को पीट और खींचकर बनाया हुआ तागा । रस्सी या तामे के रूप में परिणत धातु । धातुतंतु । विशेष—धातु को पहले पीटकर गोल बत्ती के रूप में करते हैं । फिर उसे तपाकर जंती के बड़े छेद में डालते और सँड़सी से दूसरी ओर पकड़कर जोर से खींचते हैं । खींचने से धातु लकीर के रूप में बढ़ जाती है । फिर उस छेद में से सूत या बत्ती को निकालकर उससे और छोटे छेद में डालकर खींचते जाते हैं जिससे वह बराबर महीन होता और बढ़ता जाता है । खींचने में धातु बहुत गरम हो जाती है । सोने, चाँदी, आदि धातुओं का तार गोटे, पट्ठे, कारचोबी आदि बनाने के काम आता है । सीसे और राँगे को छोड़ और प्रायः सब धातुओं का तार खींचा जा सकता है । जरी, कारचोबी आदि में चाँदी ही का तार काम में लाया जाता है । तार को सुनहारी बनाने के लिये उसमें रत्ती दो रत्ती सोना मिला देते हैं । क्रि॰ प्र॰—खींचना । यौ॰—तारकश । मुहावरा—तार दबकना = गोटे के लिये तार को पीटकर चिपटा और चौड़ा करना ।
3. धातु का वह तार या डोरी जिसके द्वारा बिजली की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर समाचार भेजा जाता है । टेलिग्राफ । जैसें,—उन दोनों गाँवों के बीच तार लगा है । उ॰—तडित तार के द्वार मिल्यौ सुभ समाचार यह । —भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ 2, पृ॰, 800 । क्रि॰ प्र—लगाना । —लगाना । यौ॰—तारघर । विशेष—तार द्वारा समाचार भेजने में बिजली और चुंबक की शक्ति काम में लाई जाती है । इसके लिये चार वस्तुएँ आवश्यक होती हैं—बिजली उत्पन्न करनेवाला यंत्र या घर, बिजली के प्रवाह का संचार करनेवाला तार, संवाद को प्रवाह द्वारा भेजनेवाला यंत्र और संवाद को ग्रहण करनेवाला यंत्र । यह एक नियम है कि यदि किसी तार के घेरे में से बिजली का प्रवाह हो रहा हो और उसके भीतर एक चुंबक हो, तो उस चुंबक को हिलाने से बिजली के बल में कुछ परिवर्तन हो जाता है । चुंबक के रहने से जिस दिशा को बिजली का प्रवाह होगा, उसे निकाल लेने पर प्रवाह उलटकर दूसरी दिशा की ओर हो जायगा । प्रवाह के इस दिशापरिवर्तन का ज्ञान कंपास की तरह के एक यंत्र द्वारा होता है जिसमें एक सुई लगी रहती है । यह सुई एक ऐसे तार की कुंडली के भीतर
तार meaning in english