Dingle
= डिंगल() (Dingal)
डिंगल ^१ वि॰ [सं॰ डिङ्गर] नीच । दूषित । डिंगल ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] राजपूताने की वह भाषा जिसमें भाट और चारण काव्य और वंशावली आदि लिखते चले आते हैं ।
डिंगल ^१ वि॰ [सं॰ डिङ्गर] नीच । दूषित ।
राजस्थान के चारण कवियों ने अपने गीतों के लिये जिस साहित्यिक शैली का प्रयोग किया है, उसे डिंगल या डींगल कहा जाता है। वैसे चारण कवियों के अतिरिक्त प्रिथीराज जैसे अन्य कवियों ने भी डिंगल शैली में रचना की है। राजस्थान के भट्ट कवि "डिंगल" का आश्रय न लेकर "पिंगल" में रचना करते रहे हैं। कुछ विद्वान् "डिंगल" और "राजस्थानी" को एक दूसरे का पर्यायवाची मानते हैं, किंतु यह मत भाषाशास्त्रीय दृष्टि से त्रुटिपूर्ण है। इस तरह दलपति विजय, नरपति नाल्ह, बरदाई और नल्लसिंह भाट की रचनाओं को भी "डिंगल" साहित्य में मान लेना अवैज्ञानिकता है। इनमें नाल्ह की रचना "कथा" राजस्थानी की है, कृत्रिम डिंगल शैली में निबद्ध नहीं और शेष तीन रचनाएँ निश्चित रूप से पिंगल शैली में हैं। वस्तुत: "डिंगल" के सर्वप्रथम कवि ढाढी कवि बादर हैं। इस कृत्रिम साहित्यिक शैली में पर्याप्त रचनाएँ उपलब्ध हैं जिनमें अधिकांश फुटकर दोहे तथा राजप्रशस्तिपरक गीत हैं। "डिंगल" के प्रमुख कवियों में बादर, प्रिथीराज, ईसरदास, दुरसा जी आढा, करणीदान कविया, मंछाराम सेवक, बाँकीदास आशिया, किशन जी आढा, मिश्रण कवि सूर्यमल्ल और महाराजा चतुरसिंह जी हैं। अंतिम कवि की रचनाएँ वस्तुत: कृत्रिम डिंगल शैली में न होकर कश्म मेवाड़ी बोली में है। साहित्यिक भाषाशैली के लिये "डींगल" शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग बाँकीदास ने कुकवि बतीसी (1871 वि0 सं0) में किया है : 'डींगलियाँ मिलियाँ करै, पिंगल तणो प्रकास'। इस शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थवत्ता के विषय में अनेक मत प्रचलित हैं। 1. "डिंगल" शब्द का अर्थ अनियमित अथवा गँवा डिग्री है। साहित्यशास्त्र एंव व्याकरण के नियमों का अनुसरण न करने के कारण यह शैली "डिंगल" कही जाती है (तेस्सितोरी)। 2. पहले मरुदेश की भाषा को "डगल" कहा जाता था, बाद में "पिंगल" के वजन पर इसे "डिंगल" कहा जाने लगा (हरप्रसाद शास्त्री)। 3. 'ड' वर्णबहुला होने के कारण इसे "डिंगल" कहा जाता है (गजराज ओझा)। 4. डम डिग्री की ध्वनि के सादृश्य पर ओजोगुणप्रचुर वीररसात्मक पद्यों की इस भाषाशैली को "डिंगल" (डिमोगल) कहा जाता है (पुरुषोत्तमदास स्वामी)। 5. मेनार
डिंगल meaning in english
डिंगल छंद
डिंगल कविता
डिंगल एवं पिंगल भाषा का साहित्यकार जिसे मुगल सम्राट - औरंगजेब ने अपना राजकवि बनाने के साथ - साथ अपने पुत्र मुअज्जम का शिक्षक भी बनाया , वह है ?
गिरधर आसिया द्वारा लिखित डिंगल भाषा का ग्रन्थ है ?
डिंगल शब्द प्रायः 19वीं सदी में प्रयुक्त हुआ । संवत 1871 में जोधपुर के किस कवि की रचना । ‘ कुकवि बत्तीसी ‘ में पहली बार इसका प्रयोग हुआ माना जाता है ?
Dingle
meaning in Gujarati: ડીંગલ
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meaning in Marathi: घुंगरू
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meaning in Bengali: ডিঙ্গল
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meaning in Telugu: డింగిల్
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meaning in Tamil: டிங்கிள்
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