Alcohol
= एल्कोहॉल() (Alchohol)
अल्कोहल :-कार्बनिक यौगिक से एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन एक या एक से अधिक -O-H समूह द्वारा कर दिया जाए तो बनने वाले यौगिक अल्कोहल कहलाते है। यौगिक मे उपस्थित -OH समूह की संख्या के आधार पर इसे चार भागो मे बाँटा गया है। इसे तीन भागो मे बाँटा गया है :- 1. प्राथमिक अल्कोहल :- जब प्राथमिक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो प्राथमिक अलकोहल बनता है। जैसे :- मेथेनॉल। द्वितीयक अल्कोहल :- जब द्वितीयक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो द्वितीयक अल्कोहल बनता है। जैसे :- 2-प्रोपेनॉल तृतीयक अल्कोहल :- जब तृतीयक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो तृतीयक अल्कोहल बनता है। जैसे :- मेथिल प्रोपेन 2-ऑल। अल्कोहल का नामकरण :-उद्योग में मेथिल एल्कोहल तथा एथिल एल्कोहल का प्रमुख स्थान है। कुछ समय पहले तक व्यापारिक मात्रा में मेथिल ऐल्कोहल केवल लकड़ी के शुष्क आसवन द्वारा ही प्राप्त किया जाता था। इस विधि में लकड़ी को लोहे के बड़े-बड़े बकयंत्रों (रिटॉर्टों) में, जिनमें शीतक लगे रहते हैं, हवा की अनुपस्थिति में ५००° सेंटीग्रेड पर गर्म करने से निम्नलिखित पदार्थ बनते हैं :पाइरोलिगनस अम्ल में से अम्ल कैल्सियम ऐसिटेट के रूप में अलग कर लिया जाता है; अब जो द्रव बच रहता है उसमें से चूने की बरी द्वारा ऐसीटोन अलग कर लेते हैं। इस काष्ट स्पिरिट में शुद्ध मेथिल ऐल्कोहल ७० से ८०% तक होता है। इस विधि में व्यय अधिक तथा ऐल्कोहल की प्राप्ति कम होती है। अत: उद्योग के लिए ऐल्कोहल संश्लेषण विधि द्वारा तैयार करते हैं। पचास या इससे अधिक वायुमंडल दाब पर जल-गैस को किसी उपयुक्त उत्प्रेरक (ज़िंक आक्साइड+क्रोमियम आक्साइड; या ज़िंक आक्साइड+ताम्र आक्साइड) के साथ ४००° सें. पर गर्म करने से मेथिल ऐल्कोहल बनता है। मेथिल ऐल्कोहल तीव्र विषैला पदार्थ है। अत: इसका मुख्यतम उपेयाग एथिल ऐल्कोहल को अपेय बनाने के लिए होता है। लाह और रेज़िन के लिए, जिनका उपयेग वार्निश तथा पॉलिश के उद्योग में होता है यह एक उपयुक्त विलेयक है। इसका आक्सीकरण करने से फार्मैलिल्डऐमाइन, कृत्रिम रंग, औषधि तथा सुगंधित पदार्थों के निर्माण में भी इसका अधिक उपयोग होता है। मुख्य लेख एथिल एल्कोहल देखें।
एल्कोहॉल meaning in english