Brahmaputra = ब्रह्मपुत्र() (brahmputra)
Category: river
ब्रह्मपुत्र संज्ञा पुं॰
1. ब्रह्म का पुत्र ।
2. नारद ।
3. वशिष्ठ ।
4. मनु ।
5. मरीचि ।
6. सनकादिक ।
7. एक प्रकार का विष । विशेष—यह एक पौधे का कंद है जो मलयाचल पर होता है । इसका प्रयोग रसायन और बाजीकरण में होता है ।
8. एक नद । ब्रह्मपुत्र नाम की प्रसिद्ध नदी । विशेष—यह मानसरोवर से निकलकर हिमालय के पूर्वीय प्रांत से भारतवर्ष में प्रवेश करता है और आसाम, बंगाल होता हुआ बंगाल की खाड़ी में गिरता है । इसका प्राचीन नाम 'लौहित्य' है । 'अमोघानंदन' नाम भी मिलता है ।
ब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2700 किलोमीटर है। इसका नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। यह नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में प्रमुक हैं डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी। प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है। ब्रह्मपुत्र हमारे हिन्दू भगवान ब्रह्मा का पुत्र है। आज के समय मे ब्रह्मपुत्र के बारे मे अत्याधिक कहानियाँ प्रचलित है, पर सबसे अधिक प्रचलित कहानी "कलिका पुराण" मे मिलती है। यह समझा जाता है कि परशुराम, भगवान विष्णु के एक अवतार जिन्होने अपनी माता को फरसे के सहारे मारने के पाप का पश्चाताप एक पवित्र नदी मे नहाकर किया। अपने पिता के एक कथन के मान के कारण (उनके पिता ने उनकी माता पर शक किया) इसलिये उन्होने एक फरसे के सहारे अपनी माता का शीश धङ से अलग कर दिया। इस कारण वह फरसा उनके हाथ से ही चिपक गया। अनेक मुनियों की सलाह से वह अनेक आश्र्म गये उनमे से एक था "परशुरम कुन्द्"। तभि से वह महनदि कुनद अनेक पहाडियों से घीरा है। परशुराम ने उन्मे से एक पहाड़ी को तोड कर लोगो के लिये उस पवित्र पानी को निकाला। इस कारण परशुराम का फरसा उनके
ब्रह्मपुत्र meaning in english