Pehova
= पेहोवा() (Pehova)
पिहोवा (पेहवा, पेहोवा) हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले का एक नगर है। इसका पुराना नाम 'पृथूदक' है। यह एक प्रसिद्ध तीर्थ है। निर्देशांक: 29°59′N 76°35′E / 29.98°N 76.58°E / 29.98; 76.58महाभारत में कहा गया है किकुरुक्षेत्र पवित्र माना गया है और सरस्वती कुरुक्षेत्र से भी पवित्र है। सरस्वती तीर्थ अत्यंत पवित्र है, किन्तु पृथूदक इनमें सबसे अधिक पावन व पवित्र है। महाभारत, वामन पुराण, स्कन्द पुराण, मार्कण्डेय पुराण आदि अनेक पुराणों एवं धर्मग्रन्थों के अनुसार इस तीर्थ का महत्व इसलिए ज्यादा हो जाता है कि पौराणिक व्याख्यानों के अनुसार इस तीर्थ की रचना प्रजापति ब्रह्मा ने पृथ्वी, जल, वायु व आकाश के साथ सृष्टि के आरम्भ में की थी। 'पृथुदक' शब्द की उत्पत्ति का सम्बन्ध महाराजा पृथु से रहा है। इस जगह पृथु ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनका क्रियाकर्म एवं श्राद्ध किया। अर्थात जहां पृथु ने अपने पिता को उदक यानि जल दिया। पृथु व उदक के जोड़ से यह तीर्थ पृथूदक कहलाया। वामन पुराण के अनुसार गंगा के तट पर रहने वाले रुषंगु नामक ऋषि ने अपना अन्त समय जानकर मुक्ति की इच्छा से गंगा को छोड़कर पृथुदक में जाने के लिए अपने पुत्रों से आग्रह किया था। क्योंकि उसका कल्याण गंगा द्वार पर संभव नहीं था। पद्मपुराण के अनुसार जो व्यक्ति सरस्वती के उत्तरी तट पर पृथुदक में जप करता हुआ अपने शरीर का त्याग करता है, वह नि:संदेह अमरता को प्राप्त करता है। पिहोवा राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति है - 29.98°N 76.58°E. समुद्रतल से औसत ऊंचाई २२४ मीटर है। वायु मार्ग पिहोवा के सबसे नजदीक चण्डीगढ़ तथा दिल्ली हवाई अड्डा है। चण्डीगढ़, दिल्ली से पर्यटक कार, बस और टैक्सी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 65 व राष्ट्रीय राजमार्ग 1 द्वारा आसानी से पिहोवा तक पहुंच सकते हैं। रेल मार्ग रेलमार्ग से पिहोवा पहुंचने के लिए पर्यटकों को पहले कुरूक्षेत्र या अंबाला आना पड़ता है। सड़क मार्ग दिल्ली से पर्यटक कार, बस और टैक्सी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 1 द्वारा कुरुक्षेत्र तक, तदुपरांत पिहोवा तक पहुंच सकते हैं। चण्डीगढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग 65 से सीधा पिहोवा तक पहुंच सकते हैं। पंजाब से पटियाला से भी सड़क मार्ग द्वारा पिहोवा तक आ सकते हैं।
पेहोवा meaning in english