Life
= जीन्द() (Jeend)
निर्देशांक: 29°19′N 76°19′E / 29.32°N 76.32°E / 29.32; 76.32 जीन्द हरियाणा में स्थित एक प्रमुख शहर है। महाभारत की कई कथाएं जीन्द से जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा वामन पुराण, नारद पुराण और पद्म पुराण में भी जीन्द का उल्लेख मिलता है। यह कहा जाता है कि महाभारत काल में पाण्डवों ने यहां पर विजय की देवी जयंती देवी के मन्दिर का निर्माण किया था। युद्ध में कौरवों को हराने के लिए उन्होंने इसी मन्दिर में पूजा की थी। देवी के नाम पर ही इसका नाम जयंतापुरी रखा गया था। समय के साथ इसका नाम जयंतापुरी से बदलकर जीन्द हो गया। जीन्द में पर्यटक अर्जुन स्टेडियम, दूध प्लांट, पशुओं का चारा प्लांट, बुलबुल रेस्टोरेन्ट और अनाज मण्डी घूमने जा सकते हैं। इनके अलावा पर्यटक अनेक पवित्र स्थलों की यात्रा कर सकते हैं और घूमने के साथ-साथ तीर्थाटन का लाभ भी उठा सकते हैं। जींद शहर ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। जींद का किला राजा गणपत सिंह ने 1775 ई. मे निर्माण करवाया था। जींद के बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना महाभारत महाकाव्य के पांडवों ने की थी, जिन्होंने यहाँ एक मंदिर बनवाया था, जिसके इर्द-गिर्द जींद (जैंतपुरी) नगर बसा था। जींद पहले 18वीं शताब्दी में एक सिक्ख सरदार द्वारा स्थापित पंजाब के फुलकियाँ रजवाड़ों में से एक था। यहाँ पर स्थित सुविख्यात जयन्ती देवी मंदिर के नाम से इस नगर का नाम जींद पड़ा है। पांडवों ने महाभारत का युद्ध लड़ने से पहले अपनी सफलता के लिए 'विजय देवी-जयन्ती देवी' मंदिर का निर्माण करके श्रद्धापूर्वक देवी की आराधना की। जयन्ती देवी की आराधना के बाद ही पांडवों ने कौरवों के विरुद्ध सत्य समर्पित महासंग्राम किया, जो महाभारत के रूप में विश्वविख्यात हुआ। यह क्षेत्र नहरों और नलकूपों द्वारा विस्तृत रूप से सिंचित है। गेहूँ व चावल प्रमुख फ़सलें हैं, अन्य फ़सलों में बाजरा, तिलहन, चना और गन्ना शामिल हैं। जींद एक महत्त्वपूर्ण स्थानीय कृषि बाज़ार है। यहाँ के उद्योगों में सूती वस्त्र, चीनी, स्टील की ट्यूब, मशीनों के पुर्ज़ों के साथ-साथ कपास ओटने, इस्पात की री-रोलिंग और हथकरघे से बुनाई शामिल हैं। दिल्ली-फ़िरोज़पुर रेलमार्ग पर स्थित जींद रेलमार्ग द्वारा पानीपत से और सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली व हरियाणा के अन्य महत्त्वपूर्ण शहरों से जुड़ा है। यहाँ पर चौधरी रणबीर
जीन्द meaning in english
निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1.1809 ई0 में छछरौली के शासक बुंगेल सिंह की मृत्यु होने पर उसकी विधवा रामकौर ने अंग्रेजों से सहायता मांगी ।
2.1810 ई0 में रानियाँ के शासक जावित खाँ ने अंग्रेजों की अधीनता मान ली ।
3.1813 ई0 में जीन्द के शासक प्रताप सिंह का उत्तराधिकारी भाग सिंह बना ।
4.1835 ई0 में बलावली के शासक संगतसिंह की मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने सारा क्षेत्र अपने अधीन कर लिया
जीन्द के शासक प्रताप सिंह के विरूद्ध किसने अंग्रेजों का साथ दिया ?
निम्न में से किसने अंग्रेजों के विरूद्ध प्रताप सिंह ( जीन्द शासक ) का साथ दिया ?
वर्ष 1938 में जीन्द प्रजामण्डल की नींव जीन्द की राजधानी संगरूर में किस प्रसिद्ध देशभक्त ने डाली थी ?
Life
meaning in Gujarati: જીંદ
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Life
meaning in Marathi: जिंद
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Life
meaning in Bengali: জিন্দ
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Life
meaning in Telugu: జింద్
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Life
meaning in Tamil: ஜின்ட்
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