Sannyas
= संन्यास() (Sanyaas)
संन्यास संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्न्यास]
१. भारतीय आर्यों के चार आश्रमों में से अंतिम आश्रम । वानप्रस्थ आश्रम के पश्चात् का आश्रम । विशेष—प्राचीन भारतीय आर्यों ने जीवन के चार विभाग किए थे, जो आश्रम कहलाते है । (दे॰ 'आश्रम') इनमें से अंतिम आश्रम संन्यास कहलाता है । पचीस वर्ष तक वानप्रस्थ आश्रम में रहने के उपरांत ७५ वें वर्ष के अंत में इस आश्रम में प्रवेश करने का विघान है । इस आश्रम में काम्य और नित्य आदि सब कर्म किए तो जाते है, पर बिलकुल निष्काम भाव से किए जाते हैं; किसी प्रकार के फल की आशा रखकर नहीं किए जाते । विशेष दे॰ 'संन्यासी' ।
२. भावप्रकाश के अनुसार मूर्च्छा रोग का एक भेद । विशेष—यह बहुत ही भयानक कहा गया है । यह रोग प्रायः निर्बल मनुष्यों को हुआ करता है और इसमें रोगी के मर जाने की भी आशंका रहती है । साधारण मूर्छा से इसमें यह अंतर है कि मूर्च्छा में तो रोगी थोड़ी देर में आप से आप होश में आ जाता है, पर इसमें बिना औषध और चिकित्सा के होश नहीं होता ।
३. जटामासी । (अन्य अर्थों के लिये दे॰ 'सन्यास' शव्द) ।
हिन्दू धर्म में जीवन के ४ भाग (आश्रम) किए गए हैं- ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। चौथा भाग सन्यास का अर्थ एक न्यासी या ट्रस्टी की तरह जीवन व्यतीत करना होता है। इस आश्रम का उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति है। मनुष्य जीवन को १०० वर्षों का मानकर ७५ वर्ष के उपरांत व्यक्ति को इस तरह से जीवन यापन करना चाहिए। जो अपनी जिंदगी से तंग हैं वो सन्यासी बन जाये
संन्यास meaning in english
हाल ही में किस क्रिकेटर ने संन्यास की घोषणा की
टेस्ट क्रिकेट से हाल में किस भारतीय खिलाड़ी ने संन्यास लिया
Sannyas
meaning in Gujarati: નિવૃત્તિ
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Sannyas
meaning in Marathi: सेवानिवृत्ती
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Sannyas
meaning in Bengali: অবসর
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Sannyas
meaning in Telugu: పదవీ విరమణ
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Sannyas
meaning in Tamil: ஓய்வு
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