Ahhir
= अहीर() (Aheer)
अहीर संज्ञा पुं॰ [सं॰ आभीर] [स्त्री॰ अहीरिन] एक जाति जिसका काम गाय भौस रखना और दूध बेचना है । ग्वाला । उ॰— नोइ निवृत्ति पात्र बिस्वासा । निर्मल मन अहीर निज दासा- मानस, ७ । ११७ ।
अहीर प्रमुखतः एक हिन्दू भारतीय जाति समूह है,जिसके सदस्यों को यादव समुदाय के नाम से भी पहचाना जाता है तथा अहीर व यादव या राव साहब शब्दों को एक दूसरे का पर्यायवाची समझा जाता है। अहीरों को एक जाति, वर्ण, आदिम जाति या नस्ल के रूप मे वर्णित किया जाता है, जिन्होने भारत व नेपाल के कई हिस्सों पर राज किया है। अमरकोष मे गोप शब्द के अर्थ गोपाल, गोसंख्य, गोधुक, आभीर, वल्लब, ग्वाला व अहीर आदि बताये गए हैं। प्राकृत-हिन्दी शब्दकोश के अनुसार भी अहिर, अहीर, आभीर व ग्वाला समानार्थी शब्द हैं। हिन्दी क्षेत्रों में अहीर, ग्वाला तथा यादव शब्द प्रायः परस्पर समानार्थी माने जाते हैं। . वे कई अन्य नामो से भी जाने जाते हैं, जैसे कि गवली, घोसी या घोषी अहीर, तथा बुंदेलखंड मे दौवा अहीर। तमिल भाषा के एक- दो विद्वानों को छोडकर शेष सभी भारतीय विद्वान इस बात से सहमत हैं कि अहीर शब्द संस्कृत के आभीर शब्द का तद्भव रूप है। आभीर (हिंदी अहीर) एक घुमक्कड़ जाति थी जो शकों की भांति बाहर से हिंदुस्तान में आई। आभीरों को म्लेच्छ देश में निवास करने के कारण अन्य स्थानीय आदिम जातियों के साथ म्लेच्छों की कोटि में रखा जाता था तथा वृत्य क्षत्रिय कहा जाता था। महाभारत में भी युद्धप्रिय, घुमक्कड़, गोपाल अभीरों का उल्लेख मिलता है। आभीरों का उल्लेख अनेक शिलालेखों में पाया जाता है। शक राजाओं की सेनाओं में ये लोग सेनापति के पद पर नियुक्त थे। आभीर राजा ईश्वरसेन का उल्लेख नासिक के एक शिलालेख में मिलता है। ईस्वी सन् की चौथी शताब्दी तक अभीरों का राज्य रहा। अंततोगत्वा कुछ अभीर राजपूत जाति में अंतर्मुक्त हुये व कुछ अहीर कहलाए, जिन्हें राजपूतों सा ही योद्धा माना गया। आजकल की अहीर जाति ही प्राचीन काल के आभीर हैं। सौराष्ट्र के क्षत्रप शिलालेखों में भी प्रायः आभीरों का वर्णन मिलता है। पुराणों व बृहतसंहिता के अनुसार समुद्रगुप्त काल में भी दक्षिण में आभीरों का निवास था। उसके बाद यह जाति भारत के अन्य हिस्सों में भी बस गयी। मध्य प्रदेश के अहिरवाड़ा को भी आभीरों ने संभवतः बाद में ही विकसित किया। राजस्थान में आभीरों के निवास का प्रमाण जोधपुर शि
अहीर meaning in english
भादानक किसके सामन्त बनकर अहीरवाल क्षेत्र पर अधिकार कर स्वतन्त्र सत्ता बना ली ?
पश्चिमी राजस्थानी (मारवाड़ी) , पूर्वी राजस्थानी (ढूंढाड़ी) , उतरी राजस्थानी (मेवाती व अहीरी) , दक्षिणी राजस्थानी (मालवी) अर्थात राजस्थानी भाषा की इन चार बोलियों को ही किसने मुख्य माना है ?
निम्न में से किसने 1857 की क्रान्ति को सफल बनाने हेतु अहीरों को संगठित कर आन्दोलन किया ?
अहीरवाटी और मेवाती बोलियां सम्बन्धित है ?
ऐतिहासिक दृष्टि से बहरोड़ , मण्डावर व कोट पुतली क्षेत्र को राठ कहा जाता है अतः इसे अहीरवाटी बोली क्षेत्र के अलावा और किस बोली के नाम से जाना जाता है ?
Ahhir
meaning in Gujarati: આહીર
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Ahhir
meaning in Marathi: अहिर
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Ahhir
meaning in Bengali: আহির
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Ahhir
meaning in Telugu: అహిర్
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Ahhir
meaning in Tamil: அஹிர்
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