Quatrain = चौपाई() (Chaupai)
चौपाई संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चतुष्पदी]
१. एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती है । इसके बनाने में केवल द्विकल और त्रिकल का ही प्रयोग होता है । इसमें किसी त्रिकल के बाद दो गुरु और सबसे अंत में जगण या तगण न पड़ना चाहिए । इसे रूप चौपाई या पादाकुलक भी कहते हैं । विशेष—वास्तव में चौपाई (चतुष्पदी) वही है जिसमें चार चरण हों और चारों चरणों का अनुप्रास मिला हो । जैसे,— छूअत सिला भइ नारि सुहाई । पाहन तें न काठ कठिनाई । तरनिउ मुनिधरनी होइ जाई । बाट परइ मोरि नावउडा़ई ।
चौपाई मात्रिक सम छन्द का एक भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के १६ मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में चौपाइ छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।
चौपाई meaning in english
चौपाई छंद के उदाहरण
मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई किसने किसके लिए कही
चौपाई के सरल उदाहरण
Quatrain meaning in Gujarati: ચારગણું
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Quatrain meaning in Marathi: चौपट
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Quatrain meaning in Bengali: চতুর্মুখী
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Quatrain meaning in Telugu: చతుర్భుజి
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Quatrain meaning in Tamil: நான்கு மடங்கு
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