Blitz
= ब्लिट्ज() (Blitz)
ब्लिट्ज एक भारतीय समाचार-पत्र था जिसके सम्पादक रूसी करंजिया थे। भारतीय पत्रकारिता में ब्लिट्ज़ अपने आप में मील का पत्थर था। यह भारत का पहला ऐसा अखबार था, जिसे गाँव गाँव में शौक से पढ़ा जाता था। कई जगहों पर तो ब्लिट्ज़ बहुत कम संखया में पहुँच पाता था तो लोग एक दूसरे के घर या दुकान पर जाकर ब्लिट्ज़ पढ़ने की हसरत पूरी करते थे। आज की टीवी पत्रकारिता के दौर में जहाँ कोई भी ब्रेकिंग न्यूज न तो सनसनी मचा पाती है न विश्वसनीयता पैदा कर पाती है, जबकि ब्लिट्ज़ का दौर ऐसा दौर था कि इसका एक एक शब्द विश्वसनीयता, प्रामाणिकता और खोजी पत्रकारिता का ऐसा मानक होता था कि ब्लिट्ज़ में छपी खबर सत्ता के शीर्ष, सिंहासन को भी हिला देती थी। अंगरे़जी `ब्लिट़्ज' का प्रकाशन दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान २ फरवरी १९४१ से शुरू हुआ था, जिस समय सोवियत रूस और ना़जी जर्मनी के बीच अनाक्रमण मैत्री-संधि थी। दुनिया के शीर्ष कूटनीतिज्ञ और जासूस जब यह कल्पना भी नहीं कर सकते थे, उस समय सबसे पहले `ब्लिट़्ज' ने यह सनसनी़खे़ज भविष्यवाणी कर दी थी कि हिटलर ने अपने `पऩजर डिवी़जन' को रूस पर हमला करने की तैयारी करने का आदेश दे दिया है। इसी तरह सबसे पहले `ब्लिट़्ज' ने छापा कि `आ़जाद हिंद फौज' (इंडियन नेशनल आर्मी) की स्थापना हो गयी है और उसके कमांडर नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान द्वीप को ब्रिटिश गुलामी से आ़जाद कराके वहाँ तिरंगा झंडा लहरा दिया है। सन 'साठ के बरसों में देश में जगह-जगह से सैकड़ों टैबलॉयड विभिन्न भाषाओं में `ब्लिट़्ज' की त़र्ज पर छप रहे थे, मगर वे `ब्लिट़्ज' नहीं थे। यह रूसी करंजिया की पत्रकारिता की लोकप्रियता का ही एक पैमाना था कि बड़े अ़खबारों की टक्कर में `ब्लिट़्ज' प्रतिरोध की एक समानांतर पत्रकारिता (काउंटर मीडिया) का नेता और आदर्श बन गया था। वह भारतीयता, धर्मनिरपेक्षता और नारी-सम्मान का प्रबल समर्थक था। यह सब करंजिया के पारसी संस्कारों के कारण था। युद्धकाल में वार-कॉरस्पोंडेट रहे करंजिया और `ब्लिट़्ज' ने बर्तानवी फौजी अ़फसरों की अय्याशी के लिए जो शर्मनाक `वीमेंस ऑग़्जीलियरी कोर (इंडिया)' गठित की गयी थी उसको बंद कराने के लिए जबर्दस्त मुहिम छेड़ी और तत्कालिक ब्रिटिश शासन को उसे बंद करने पर मजबूर कर दिया था। जब समानांतर पत्रकारिता के रूप में स्थापित हो चुके अंगरे़जी `ब्लिट़्ज' परिवार में हिं
ब्लिट्ज meaning in english