The barn
= बनिया() (Baniya)
बनिया संज्ञा पुं॰ [सं॰ वणिक] [स्त्री॰ बनियाइन]
१. व्यापार करनेवाला व्यक्ति । व्य़ापारी । वैश्य ।
२. आटा, दाल चावल आदि बेचनेवाला मोदी ।
बनिया एक भारतीय जाति हैं, जो वाणिज्य और व्यवसाय से सम्बंधित हैं। बनिया शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द वाणिज्य से माना जाता हैं। सामान्यत: पैसा उधार देने वालों अथवा व्यापारियों का भारतीय जाति, मुख्यत: उत्तरी और पश्चिमी भारत में पाई जाती हैं, हालाकि संकीर्ण अर्थ में कई व्यापारी समुदाय बनिए नहीं हैं और विलोमत: कुछ बनिए व्यापारी नहीं हैं। भारतीय समाज की चतुष्वर्णीय व्यवस्था में असंख्य बनिया उपजातियों, जैसे अग्रवाल, अग्रहरि, लोहिया आदि को वैश्य वर्ण का सदस्य माना जाता है। धार्मिक अर्थों में वे सामान्यत: वैष्णव या जैन होते हैं और पूर्णत: शाकाहारी, मद्यत्यागी और आनुष्ठानिक पवित्रता के पालन में रूढ़िवादी होते हैं। उत्तर वैदिककाल के उल्लेखों में पण, पण्य, पणि जैसे शब्द आए हैं। पण या पण्य का अर्थ हुआ वस्तु, सामग्री, सम्पत्ति। बाद में पण का प्रयोग मुद्रा के रूप में भी हुआ। पणि से तात्पर्य व्यापारी समाज के लिए भी था। पणि उस दौर के महान व्यापारिक बुद्धिवाले लोग थे। पणियों की रिश्तेदारी आज के बनिया शब्द से है। पणि (फिनीशियन) आर्यावर्त में व्यापार करते थे। उनके बड़े-बड़े पोत चलते थे। वे ब्याजभोजी थे। आज का 'बनिया' शब्द वणिक का अपभ्रंश ज़रूर है मगर इसके जन्मसूत्र पणि में ही छुपे हुए हैं। दास बनाने वाले ब्याजभोजियों के प्रति आर्यों की घृणा स्वाभाविक थी। आर्य कृषि करते थे और पणियों का प्रधान व्यवसाय व्यापार और लेन-देन था। पणिक या फणिक शब्द से ही वणिक भी जन्मा है। आर्यों ने पणियों का उल्लेख अलग अलग संदर्भों में किया है मगर हर बार उनके व्यापार पटु होने का संकेत ज़रूर मिलता है। हिन्दी में व्यापार के लिए वाणिज्य शब्द भी प्रचलित है। वाणिज्य की व्युत्पत्ति भी पण् से ही मानी जाती है। यह बना है वणिज् से जिसका अर्थ है सौदागर, व्यापारी अथवा तुलाराशि। गौरतलब है कि व्यापारी हर काम तौल कर ही करता है। वणिज शब्द की व्युत्पत्ति आप्टे कोश के मुताबिक पण+इजी से हुई है। इससे ही बना है “वाणिज्य” और “वणिक” जो कारोबारी, व्यापारी अथवा वैश्य समुदाय के लिए खूब इस्तेमाल होता है। पणिक की वणिक से साम्यता पर गौर करें। बोलचाल की हिन्दी में वणिक के
बनिया meaning in english