पहल (Pahal) = Initiative
पहल ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ पहलू । सं॰ पटल]
१. किसी घन पदार्थ के तीन या अधिक कोरों अथवा कोनों के बीच की समत ल भुमि । किसी वस्तु की लंबाई चौड़ाई और मोटाई अथवा गहराई के कोनों अथवा रेखाओं से विभक्त समतल अंश । किसी लंबे चौड़े और मोटे अथवा गहरे पदार्थ के बाहरी फैलाव की बँटी हुई सतह पर का चौरस कटाव या बनावट । बगल । पहलू । बाजू । तरफ । जैसे, खंभे के पहल, डिबिया के पहल, आदि । क्रि॰ प्र॰—काटना । —तराशना । —बनाना । यौ॰—पहलदार । चौपहल । अठपहल । मुहा॰—पहल निकालना = पहल बनाना । किसी पदार्थ के पृष्ठ देश या बाहरी सतह को तराश या छीलकर उसमें त्रिकोण, चतुष्कोण, षट्कोण आदि पैदा करना । पहल तराशना ।
२. धुनी रूई या ऊन की मोटी और कुछ कड़ी तह या परत । जमी हुई रूई अथवा ऊन । रजाई तोशक आदि में भरी हुई रूई की परत ।
३. रजाई तोशक आदि से निकाली हुई पुरानी रूई जो दबने के कारण कड़ी हो जाती है । पुरानी रूई । पु
४. तह । परत । उ॰—मायके के सखी सों मँगाइ फूल मालती के चादर सों ढाँपै छ्वाइ तोसक पहल में । — रघुनाथ (शब्द॰) । पहल ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पहला] किसी कार्य, विशेषतः ऐसे कार्य का आरंभ जिसके प्रतिकार या जवाब में कुछ किए जाने की संभावना हो । छेड़ । जैसे,—इस मामले में पहल तो तुमने ही की है, उनका क्या दोष ?
पहल ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ पहलू । सं॰ पटल]
१. किसी घन पदार्थ के तीन या अधिक कोरों अथवा कोनों के बीच की समत ल भुमि । किसी वस्तु की लंबाई चौड़ाई और मोटाई अथवा गहराई के कोनों अथवा रेखाओं से विभक्त समतल अंश । किसी लंबे चौड़े और मोटे अथवा गहरे पदार्थ के बाहरी फैलाव की बँटी हुई सतह पर का चौरस कटाव या बनावट । बगल । पहलू । बाजू । तरफ । जैसे, खंभे के पहल, डिबिया के पहल, आदि । क्रि॰ प्र॰—काटना । —तराशना । —बनाना । यौ॰—पहलदार । चौपहल । अठपहल । मुहा॰—पहल निकालना = पहल बनाना । किसी पदार्थ के पृष्ठ देश या बाहरी सतह को तराश या छीलकर उसमें त्रिकोण, चतुष्कोण, षट्कोण आदि पैदा करना । पहल तराशना ।
२. धुनी रूई या ऊन की मोटी और कुछ कड़ी तह या परत । जमी हुई रूई अथवा ऊन । रजाई तोशक आदि में भरी हुई रूई की परत ।
३. रजाई तोशक आदि से निकाली हुई पुरानी रूई जो दबने के कारण कड़ी हो जाती है । पुरानी रूई । पु
४. तह । परत । उ॰—मायके के सखी सों मँगाइ फूल मालती के चा
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।