पोला (Pola) = The weasel
पोला ^१ वि॰ [हिं॰ फूलना या सं॰ पोल (= फुलका)] [स्त्री॰ पोली]
१. जो भीतर से भरा न हो । जिसके भीतर खाली जगह हो । जो ठोस न हो । खोखला । जैसे, पोला बाँस, पोली नली ।
२. अंतःसारशून्य । निःसार । तत्वहीन । सुक्ख । उ॰—है प्रभु मेरो ही सब दोस । ...वेष वचन विराग, मन अध औगुनन को कोस । राम प्रीति प्रतीति पोलो कपट करतब ठोस । —तुलसी (शब्द॰) ।
३. जो भीतर से कडा़ न हो । जो दाब पड़ने से नीचे धँस जाय । पुलपुला । उ॰— पर हाथी बुदि्धमान होते हैं, बहुधा पोला स्थान देखकर चलते हैं । —शिवप्रसाद (शब्द॰) । पोला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पूला]
१. सूत का लच्छा जो परेती पर लपेटने से बन जाता है ।
२. गट्ठर । पूला । उ॰—तब राजा और रानी दोनों नंगे पाँव होकर घास का पोला अपने सिर पर धरकर एक अँगौछी अपने अपने गले में डाले आकर सत्य गुरु के चरणों पर गिरे । —कबीर मं॰, पृ॰ ५०९ । पोला ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक छोटा पेड़ जो मध्यप्रदेश में बहुत होता है । विशेष—इसकी लकडी़ भीतर से बहुत सफेद और नरम निकलती है जिससे उसपर खुदाई का काम बहुत अच्छा होता है । वजन में भी यह भारी होती है । हल आदि खेती के सामान भी उससे बनाए जाते हैं । इसकी भीतरी छाल में रेशे होते हैं जो रस्सी बनाने के काम आते हैं । पेड़ बरसात में बीजों से उगता है ।
पोला ^१ वि॰ [हिं॰ फूलना या सं॰ पोल (= फुलका)] [स्त्री॰ पोली]
१. जो भीतर से भरा न हो । जिसके भीतर खाली जगह हो । जो ठोस न हो । खोखला । जैसे, पोला बाँस, पोली नली ।
२. अंतःसारशून्य । निःसार । तत्वहीन । सुक्ख । उ॰—है प्रभु मेरो ही सब दोस । ...वेष वचन विराग, मन अध औगुनन को कोस । राम प्रीति प्रतीति पोलो कपट करतब ठोस । —तुलसी (शब्द॰) ।
३. जो भीतर से कडा़ न हो । जो दाब पड़ने से नीचे धँस जाय । पुलपुला । उ॰— पर हाथी बुदि्धमान होते हैं, बहुधा पोला स्थान देखकर चलते हैं । —शिवप्रसाद (शब्द॰) । पोला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पूला]
१. सूत का लच्छा जो परेती पर लपेटने से बन जाता है ।
२. गट्ठर । पूला । उ॰—तब राजा और रानी दोनों नंगे पाँव होकर घास का पोला अपने सिर पर धरकर एक अँगौछी अपने अपने गले में डाले आकर सत्य गुरु के चरणों पर गिरे । —कबीर मं॰, पृ॰ ५०९ ।
पोला ^१ वि॰ [हिं॰ फूलना या सं॰ पोल (= फुलका)] [स्त्री॰ पोली]
१. जो भीतर से भरा न हो । जिसके भी
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।