जगन्नाथ (Jagannath) = Jagannath
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जगन्नाथ संज्ञा पुं॰ [सं॰ जगत् + नाथ] जगत् का नाथ । ईश्वर ।
२. विष्णु ।
३. विष्णु की एक प्रसिदूध मूर्ति जो उड़ीसा के अंतर्गत पुरी नामक स्थान में स्थापित है । विशेष—यह मूर्ति अकेली नहीं रहती, बल्कि इसके साथ सुभद्रा और बलभद्र की भी मूतियाँ रहती हैं । तीनों मूर्तियाँ चंदन की होती है । समय समय पर पुरानी मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है और उनके स्थान पर नई मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की जाती हैं । सर्वसाधारण इस मू्र्ति बदलने को 'नवकलेवर' या 'कलेवर बदलना' कहते है । साधारणतः लोगों का विश्वास है कि प्रति बारहवें वर्ष जगन्नाथ जो का कलेवर बदलता है । पर पंडितों का मत है कि जब आषाढ़ में मलसास और दो पूर्णिमाएँ हों, तब कलेवर बदलता है । कूर्म, भविष्य, ब्रह्मवैवर्त, नृसिंह, अग्नि, ब्रह्म और पद्म आदि पुराणों में जगन्नाथ की मूर्ति और तीर्थ के संबंध में बहुत से कथानक और माहात्म्य दिए गए हैं । इतिहासों से पता चलता है कि सन् ३१८ ई॰ में जगन्नाथ जी की मूर्ति पहले पहल किसी जंगल में पाई गई थी । उसी मूर्ति को उड़ीसा के राजा ययाति- केसरी ने, जो सन् ४७४ में सिंहासन पर बैठा था, जंगल से ढूँढ़कर पुरी में स्थापित किया था । जगन्नाथ जी का वर्तमान भव्य ओक विशाल मंदिर गंगवंश के पाँचवें राजा भीमदेव ने सन् ११४८ से सन् ११६८ तक में बनवाय था । सन् १५६८ में प्रसिद्ध मुसलमान सेनापति काला पहाड़ ने उड़ीसा को जीतकर जगन्नाथ जी की मूर्ति आग में फेंक दी थी । जगन्नाथ और बलराम की आजकल की मूर्तियों में पैर बिलकुल नहीं होते और हाथ बिना पंजों के होते हैं । सुभद्रा की मूर्तियों में न हाथ होते हैं और न पैर । अनुमान किया जाता है कि या तो आरंभ में जंगल में ही ये मूर्तियाँ इसी रूप में मिली हों और या सन् १५३८ ई॰ में अग्नि में से निकाले जाने पर इस रूप में पाई गई हो । नए कलेवर में मूर्तियाँ पुराने आदर्श पर ही बनती हैं । इन मूर्तियों को अधिकांश भात और खिचड़ी काही भोग लगता है जिसे महाप्रसाद कहते हैं । भोग लगा हुआ महाप्रसाद चारो वर्णों के लोग बिना स्पर्शास्पर्श का विचार किए ग्रहण करते हैं । महाप्रसाद का भात 'अटका' कहलाता है, जिसे यात्री लोग अपने साथ अपने निवासस्थान तक ले जाते और अपने संबंधियों में प्रासाद स्वरूप बाँटते हैं । जगन्नाथ को जगदीश भी कहते हैं । यौ॰—जगन्नाथ का अटका या भात = जगन्नाथ जी का महाप्रसाद
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Jagannath meaning in Gujarati: જગન્નાથ
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Jagannath meaning in Marathi: जगन्नाथ
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Jagannath meaning in Bengali: জগন্নাথ
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Jagannath meaning in Telugu: జగన్నాథం
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Jagannath meaning in Tamil: ஜகந்நாத்
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