मराठों की पराजय के प्रभाव
मराठों की पराजय न केवल मराठों के लिए, अपितु सम्पूर्ण भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति थी। अब ब्रितानियों के अधीन सिन्ध एवं पंजाब को छोड़कर समूचा भारत आ गया। उनके सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी मराठों की शक्ति समाप्त हो गई थी। चतुर्थ आंग्ल मराठा युद्ध के बाद पेशवा का पद समाप्त कर दिया गया। पेशवा को वार्षिक पेन्शन देकर बिठूर भेज दिया गया। मराठों का संतुष्ट करने के लिए सतारा एवं कोल्हापुर को छत्रपति शिवाजी के वंशजों को सौंप दिया गया तथा शेष प्रदेश बम्बई प्रान्त में सम्मिलित कर लिए गये।
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