भारत सरकार की योजनाएं-अटल पेंशन योजना

Atal Pension Yojana

अटल पेंशन योजना 
CONTENTS
परिचय
लक्षित समूह
एपीवाई के लाभ
एपीवाई की पात्रता
शामिल होने की आयु तथा अंशदान अवधि
एपीवाई का फोकस
नामांकन तथा अभिदाता भुगतान
नामांकन एजेंसियां
स्वावलम्बन योजना के विद्यमान अभिदाताओं का एपीवाई में स्थानांतरण
चूक हेतु दंड
अभिदाताओं को सतत सूचना एलर्ट
छोड़ना तथा पेंशन भुगतान
कार्पस राशि लौटाना 

परिचय

भारत सरकार द्वारा कामगार गरीब की वृद्धावस्था आय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने तथा समर्थ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। असंगठित क्षेत्र में कामगारों के बीच दीर्घ जीवन संबंधी जोखिम का समाधान करने तथा उनकी सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत, जो 2011-12 के एनएसएसओ सर्वे के 66वें राउंड के अनुसार 47.29 करोड़ के कुल श्रम बल का 88% बनता है, परंतु जिनके लिए कोई औपचारिक पेंशन प्रावधान नहीं है,असंगठित क्षेत्र के कामगारों को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने 2010-11 में स्वावलम्बन योजना की शुरुआत की है। तथापि, मुख्य रूप से 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लाभों की स्पष्टता के अभाव के कारण स्वावलंबन योजना के तहत कवरेज अपर्याप्त है। 


लक्षित समूह 
अटल पेंशन योजना का असंगठित क्षेत्र के सभी नागरिकों जो पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होते हैं तथा जो किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य नहीं हैं, पर केंद्रित है। अटल पेंशन योजना के तहत, अभिदाता अपने अंशदान जो एपीवाई में शामिल होने की आयु के लिए अलग-अलग है, के आधार पर 60 वर्ष की आयु में 1000 रूपये प्रति माह, 2000 रूपये प्रति माह, 3000 रूपये प्रति माह, 4000 रूपये प्रति माह का निर्धारित पेंशन प्राप्त होगी। एपीवाई में शामिल होने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 40 वर्ष है। अतः एपीवाई के तहत अंशदाता द्वारा अंशदान की न्यूनतम अवधि 20 वर्ष या अधिक है। निर्धारित पेंशन के लाभ की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी। 


एपीवाई के लाभ 
अभिदाताओं को 1000 रूपये से 5000 रूपये के बीच में निर्धारित पेंशन, यदि वह 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के भीतर शामिल होता है तथा अंशदान करता है। अंशदान स्तर भिन्न होंगे तथा यदि अभिदाता शीघ्र शामिल होता है तो वे कम होंगे तथा देर से शामिल होने पर वे बढ़ जाएंगे। 


एपीवाई की पात्रता 
अटल पॅशन योजना (एपीवाई) सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है। केन्द्र सरकार प्रत्येक पात्र अभिदाता, जो 1 जून, 2015 तथा 31 दिसम्बर, 2015 के बीच की अवधि में एनपीएस में शामिल होते हैं और जो किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य न हों तथा जो आय कर दाता न हों, के खातों में 5 वर्ष की अवधि के लिए, अर्थात् वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक, कुल अंशदान का 50% या 1000/- रूपये, जो भी कम हो, का सह-अंशदान करेगी। स्वावलंबन योजना के 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग वाले अभिदाता यदि इस योजना से बाहर निकलने के विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो वे स्वतः: एपीवाई में स्थानांतरित हो जाएंगे। तथापि, इस तिथि के बाद योजना चलती रहेगी लेकिन सरकार का सह-अंशदान उपलब्ध नहीं होगा।



शामिल होने की आयु तथा अंशदान अवधि 
एपीवाई में शामिल होने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 40 वर्ष है। छोड़ने तथा पॅशन प्रारंभ होने की आयु 60 वर्ष होगी। इस प्रकार, एपीवाई के अंतर्गत अभिदाता द्वारा अंशदान की न्यूनतम अवधि 20 वर्ष अथवा उससे अधिक होगी।



एपीवाई का फोकस 
मुख्यतया असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर लक्षित है। 


नामांकन तथा अभिदाता भुगतान 
पात्र श्रेणी के अंतर्गत स्वतः: नामे सुविधा वाले खातों के सभी बैंक खाताधारक एपीवाई में शामिल हो सकते हैं जिसके परिणास्वरूप अंशदान संग्रहण प्रभारों में कमी आयेगी। देरी से भुगतान हेतु दंड से बचने के लिए अभिदाताओं को विनिर्धारित देय तिथियों पर उनके बचत खातोंमें अपेक्षितशेष राशि रखनी चाहिए। मासिक अंशदान भुगतान हेतु देय तिथियों की गणना पहली अंशदान राशि को जमा करने के आधार पर की जाती है। यह विनिर्दिष्ट अवधि हेतु बार-बार चूककरने के मामले में खाते को पहले बंद किया जा सकता है तथा भारत सरकार के सह-अंशदान, यदि कोई हो, को जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही, योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु उसकी पात्रता के बारे में किसी गलत/झूठी घोषणा, भले ही किसी कारण से हो, करने पर सरकार के समग्र अंशदान को दंडात्मक ब्याज सहित जब्त कर लिया जाएगा। नामांकन हेतु दीर्घावधि में पेंशन अधिकारों तथा पात्रता संबंधित विवादों से बचने के लिए लाभार्थियों, पति-पत्नी तथा नामितियों की पहचान हेतु, आधार मूलभूत केवाईसी दस्तावेज होगा। अभिदाताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे 1000 रूपये-5000 रूपये तक मासिक पेंशन हेतु विकल्पदं तथा नियमित रूप से विनिर्धारित मासिक अंशदान का भुगतान सुनिश्चित करें। संचय चरण के दौरान अभिदाता उपलब्ध मासिक पेंशन राशियों के अनुरूप पेंशन को घटाने अथवा बढ़ाने का विकल्प दे सकते हैं। तथापि, परिवर्तन (स्विचिंग) विकल्प वर्ष में केवल1 बार, अप्रैल माह में, प्रदान किया जाएगा। एपीवाई से जुड़ने के उपरांत प्रत्येक अभिदाता को पावती पर्ची प्रदान की जाएगी जिसमें गारंटी शुदा पॅशन राशि, अंशदान भुगतान की देय तिथि, पीआरएएन इत्यादि अनिवार्य रूप से रिकार्ड किया जाएगा। 


नामांकन एजेंसियां 
स्वावलम्बन योजना के अंतर्गत सभी उपस्थिति बिंदु (सेवा प्रदाता) तथा एग्रीगेटर नेशनल पेंशन प्रणाली के ढांचे के माध्यम से अभिदाताओं को नामांकित करेंगे। बैंक पीओपी अथवा एग्रीग्रेटरों के रूप में परिचालन गतिविधियों हेतु सक्षमकर्ताओं के रूप में बीसी/विद्यमान गैर बैंकिंग एग्रीग्रेटरों,सूक्ष्म बीमा अभिकर्ताओं, तथा म्युचुअल फंड एजेंटों की सेवाएं ले सकेंगे। 


स्वावलम्बन योजना के विद्यमान अभिदाताओं का एपीवाई में स्थानांतरण

स्वावलम्बन के विद्यमान अभिदाता, यदि पात्र हो, तो छोड़ने का विकल्प देने पर उन्हें स्वतः: ही एपीवाई में स्थानांतरित किया जा सकता है। तथापि, सभी अभिदाताओं हेतु एपीवाई के अंतर्गत पांच वर्षों के लिए सरकार के सह-अंशदान का लाभ 5 वर्ष से अधिक नहीं होगा। इसका अर्थ यह है कि यदि स्वावलम्बन लाभार्थी के रूप में उसने सरकारी सहअंशदान का 1 वर्ष का लाभ प्राप्त कर लिया है तो एपीवाई के अंतर्गत उसे सरकारी सहअंशदान का लाभ केवल 4 वर्षों के लिए मिलेगा तथा इस प्रकार होगा। विद्यमान स्वावलम्बन लाभार्थी जो कि प्रस्तावित एपीवाई छोड़ने का विकल्प देते हैं उन्हें उनके पात्र होने पर सरकारी सह-अंशदान 2016-17 तक दिया जाएगा तथा एनपीएस स्वावलम्बन तब तक चलेगी जब तक ऐसे लोग योजना के अंतर्गत उसे छोड़ने हेतु आयु पूरी कर लेते हैं।
18-40 वर्ष की आयु के बीच के स्वावलम्बन के विद्यमान अभिदाताओं को एपीवाई में स्वतः: स्थानांतरित कर दिया जाएगा। नई योजना में झंझट रहित स्थानांतरण हेतु संबद्ध एग्रीग्रेटर ऐसे अभिदाताओं की स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरा करने हेतु सुकर बनाएंगे। अपने स्वावलम्बन खाते को एपीवाई में शिफ्ट करने हेतु ऐसे अभिदाता अपने पीआरएएन विवरणों के साथ नजदीकी प्राधिकृत बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
वे स्वावलम्बन अभिदाता जो कि 40 वर्ष से अधिक आयु के हैं और योजना को बरकरार नहीं रखना चाहते हैं, एक मुश्त रूप में समग्र राशि का आहरण कर सकते हैं अथवा उसके अंतर्गत वार्षिकियों हेतु पात्र बनने के लिए 60 वर्षों तक चालू रखने को कह/आवेदन कर सकते हैं। 


चूक हेतु दंड 
एपीवाई के अंतर्गत, व्यक्तिगत अभिदाताओं के पास मासिक आधार पर अंशदान देने का विकल्प होगा। देर से हुए भुगतानों हेतु बैंकों को अतिरिक्त राशि संग्रह करवाना अपेक्षितहोता है। ऐसी राशि न्यूनतम 1 रूपये प्रतिमाह से 10 रूपये प्रतिमाह के बीच होती है जैसा कि नीचे दर्शाया गया है।
100 रुपये प्रतिमाह के अंशदान हेतु 1 रुपये प्रतिमाह
101 रुपये से 500 रुपये 2 रुपयेप्रतिमाह
501 रुपये से 1000 रुपये 5 रुपये प्रतिमाह
1001 रुपये से ज्यादा 10 रुपये प्रतिमाह
ब्याज/दंड की निर्धारित राशि अभिदाता के पेंशन का कार्पस का भाग बनेगी।
6 माह बाद खाता फ्रीज कर दिया जाएगा।
12 माह बाट खाता निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
24 माह बाद खाता बंद कर दिया जाएगा।
देरी से किए गए भुगतानों हेतु अतिरिक्त राशि प्रश्नारित करना
एपीवाई माड्यूल में देय तिथि पर मांग होगी तथा अभिदाता के खाते से राशि वसूल हो जाने तक मांग बनी रहेगी।
कैलेण्डर माह में प्रत्येक अभिदाता हेतु मासिक अंशदान की वसूली हेतु देय तिथि को पहला दिन/अथवा अन्य दिन माना जाएगा। बैंक राशि को महीने के अंतिम दिन तक किसी भी दिन वसूल कर सकेगा। इसका अर्थ यह होगा कि माह के दौरान किसी भी दिन निधियां उपलब्ध होते ही अंशदान की वसूली की जाएगी।
मासिक अंशदान राशि की वसूली एफआईएफओ आधार पर की जाएगी- उक्त प्रश्नारों की निर्धारित राशि के साथ ही सबसे पहले देय किश्त की वसूली की जाएगी।
निधियों की उपलब्धता के अध्यधीन एक मास में एक मासिक अंशदान से अधिक किश्त वसूल की जा सकती है। मासिक अंशदान को मासिक निर्धारित प्रभारों के साथ, यदि कोई हो, वसूल किया जाएगा। सभी मामलों में अंशदान को निर्धारित प्रश्नारों के साथ वसूल किया जाना होता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि खाते में निधियों की उपलब्धता होते ही वसूल की जाएगी। 


अभिदाताओं को सतत सूचना एलर्ट

एपीवाई अभिदाताओं को उनके खाते में शेष राशि, अंशदान जमा इत्यादि के संबंध में आवधिक सूचना एसएमएस एलर्ट के माध्यम से सूचित की जाएगी। अभिदाताओं को जब कभी अपेक्षित हो गैर-वित्तीय विवरण जैसे नामिती का नाम, पता, टेलीफोन संख्या इत्यादि को बदलने का विकल्प होता है।
एपीवाई के अंतर्गत सभी अभिदाता अपने मोबाइल से जुड़े रहते हैं ताकि उनका अभिदान करते समय, उनके खातों का स्वतः: नामित तथा उनके खातों की शेष राशि के एसएमएस एलर्ट उपलब्ध कराए जा सकें। 


छोड़ना तथा पेंशन भुगतान

60 वर्ष पूरा करने के उपरांत अभिदाता गारंटीशुदा मासिक पेंशन आहरित करने हेतु संबद्ध बैंक को अपना आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
60 वर्ष की आयु से पहले छोड़ने की अनुमति नहीं है, तथापि, उसकी अनुमति केवल अपवादिक परिस्थितियों, अर्थात् लाभार्थी की मृत्यु अथवा लाइलाज बीमारी होने पर दी जाएगी 


कार्पस राशि लौटाना

शामिल होने की आयु, अंशदान स्तर, निर्धारित मासिक पेंशन तथा अभिदाताओं के नामिति को कार्पस राशि लौटाना
अंशदान स्तर, अभिदाताओं तथा उसके पति/पत्नी को निर्धारित मासिक पेंशन तथा अभिदाताओं के नामितियों को कार्पस राशि लौटाना तथा अंशदान अवधि संबंधी तालिका नीचे दी गई है। उदाहरणार्थ, 1000 रूपये प्रतिमाह तथा 5000 रूपये के बीच की निर्धारित मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अभिदाता को, यदि वह 18 वर्ष की आयु में शामिल होता है तो 42 तथा 210 रूपये के बीच, मासिक आधार पर अंशदान करना होगा। उसी निर्धारित पॅशन स्तरों के लिए, यदि अभिदाता 40 वर्ष की आयु में शामिल होता है, तो अंशदान 291 रूपये तथा 1454 रूपये के भीतर होगा।
अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अंशदान स्तर, अभिदाताओं तथा उसके पति/पत्नी को 1000 रूपये प्रतिमाह की निर्धारित मासिक पेंशन तथा अभिदाताओं के नामितियों को कार्पस राशि का लौटाना तथा अंशदान अवधि संबंधी तालिका

जुड़ने की आयु अंशदान के वर्ष संकेतक मासिक अंशदान (रुपये में) अभिदाता तथा उसके पति/पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) अभिदाता के नामिति को प्राप्त होने वाली मूलनिधि का संकेतिक विवरण (रुपये में)
18 42 42 1000 1.7 लाख
20 40 50 1000 1.7 लाख
25 35 76 1000 1.7 लाख
30 30 116 1000 1.7 लाख
35 25 181 1000 1.7 लाख
40 20 291 1000 1.7 लाख




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