उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत प्राचीन और दिलचस्प है।
• उत्तर वैदिक काल में इसे ब्रह्मर्षि देश या मध्य देश के नाम से जाना जाता था।
• यह वैदिक काल के कई महान ऋषि-मुनियों, जैसे-भारद्वाज, गौतम, याज्ञवल्क्य, वशिष्ठ, विश्वामित्र और वाल्मीकि आदि की तपोभूमि रहा।
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• आयों की कई पवित्र पुस्तकें भी यहीं लिखी गई।
• भाल से महान माहाकाया गया औरमहापातकी कथाएं भी इस क्षेप आधारता लगती हैं।
• ईसा पूर्व छठी शताब्दी में उत्तर प्रदेश दो नए धर्मों-जैन और बौद्ध के संपर्क में आया। - up gk in hindi pdf 2017
• बुद्ध ने अपना सर्वप्रथम उपदेश सारनाथ में दिया और अपने संप्रदाय की शुरुआत की तथा उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया।
• उत्तर प्रदेश में कई नगर, जैसे-अयोध्या, प्रयाग, वाराणसी और मथुरा विद्या-अध्ययन के प्रसिद्ध केन्द्र बन गए थे।
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• मध्य काल में उत्तर प्रदेश मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया जिससे हिंदू और इस्लाम धर्मों के सम्पर्क में नई मिली-जुली संस्कृति का जन्म हुआ।
• तुलसीदास और सूरदास, रामानंद और उनके मुस्लिम शिष्य कबीर तथा कई अन्य संतों ने हिन्दी और अन्य भाषाओं के विकास में योगदान दिया।
• उत्तर प्रदेश ने अपनी बौद्धिक श्रेष्ठता को ब्रिटिश शासनकाल में भी बनाए रखा। - uttar pradesh general knowledge book
• अंग्रेजों ने आगरा और अवध नामक दो प्रांतों को मिलाकर एक प्रांत बनाया जिसे आगरा और अवध संयुक्त प्रांत के नाम से पुकारा जाने लगा। e बाद में 1935 में इसे संक्षेप में केवल संयुक्त प्रांत कर दिया गया।
• स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 26 जनवरी, 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम ‘उत्तर प्रदेश’ रखा गया।
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महाजनपद | राजधानी | विस्तार |
पांचाल (राजतंत्र) | अहिक्षत्र (बरेली) और काम्पिल्य(फरुखाबाद) | | बरेली, बदायूँ एवं फर्रुखाबाद के आस-पास |
कुरू (राजतंत्र) | इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) | मेरठ, दिल्ली, थानेश्वर के आस-पास |
वत्स (राजतंत्र) | कौशाम्बी (इलाहाबाद) | इलाहाबाद को आस-पास |
शूरसेन (राजतंत्र) | मथुरा | मथुरा के आस-पास |
कोशल (राजतंत्र) | साकत (अयोध्या) | श्रावस्ती अवध को असापास |
मल्ल (राजतंत्र) | कुशीनगर | कुशीनगर, देवरिया को आस-पास |
काशी (राजतंत्र) | वाराणसी | वाराणसी को आस-पास |
चेदि (राजतंत्र) | शुक्तिमती (बाँदा) | बाँदा को आस-पास |