Q.122290:
मन की उत्तप्त वेदना, मन ही मन में बहती थी। चुप रहकर अन्तर्मन में, कुछ मौन व्यथा कहती थी।। दुर्गम पथ पर चलने का वो संबल छूट गया था। अविचल अविकल वह प्राणी, भीतर से टूट गया था।। नीचे दिये गये प्रश्न में दी गयी पंक्तियों में प्रयुक्त रस/स्थायी भाव/संचारी भाव के सही भेद का चयन कीजिए- प्रश्न- मन की उत्तप्त वेदना, मन ही मन में बहती थी। चुप रहकर अन्तर्मन में, कुछ मौन व्यथा कहती थी। दुर्गम पथ पर चलने का वो संबल छूट गया था। अविचल अविकल वह प्राणी, भीतर से टूट गया था। |
मन की उत्तप्त वेदना, मन ही मन में बहती थी। चुप रहकर अन्तर्मन में, कुछ मौन व्यथा कहती थी। दुर्गम पथ पर चलने का वो संबल छूट गया था। अविचल अविकल वह प्राणी, भीतर से टूट गया था। - The ardent anguish of the mind flowed in the mind. In silence, some silence used to say silence. That power to walk on the inaccessible path was missed. The creature, immobile, was broken from within. - Man Ki Uttapt Vedna , Man Hee Man Me Bahti Thi । Chup Rehkar Antarman Me , Kuch Maun Vyatha Kahti Thi । Durgam Path Par Chalne Ka Wo Sambal Chhoot Gaya Tha । Avichal Avikal Wah Prani , Bheetar Se Toot Gaya Tha । हिन्दी व्याकरण in hindi, रस Viyog question answers in hindi pdf Vatsaly questions in hindi, Know About Shant हिन्दी व्याकरण online test हिन्दी व्याकरण MCQS Online Coaching in hindi quiz book karun Ras
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