Q.122303:
मानुष हौं तो वही रसखान बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन।। पहान हौं तो वही गिरि को, जो धरयो कर छत्र पुरन्दर धारन। नीचे दिये गये प्रश्न में दी गयी पंक्तियों में प्रयुक्त रस/स्थायी भाव/संचारी भाव के सही भेद का चयन कीजिए- प्रश्न- मानुष हौं तो वही रसखान बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन। पहान हौं तो वही गिरि को, जो धरयो कर छत्र पुरन्दर धारण। |
मानुष हौं तो वही रसखान बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन। पहान हौं तो वही गिरि को, जो धरयो कर छत्र पुरन्दर धारण। - If Manush is the same Raskhan Basoun, Braj Gokul village's Guaran. When I am satisfied, I say Basu Mero, Charan Nit Nand ki Dhenu Manjharan. When I get dressed, the same Giri, who holds and holds a parasol. - Manush Haun To Wahi RasKhan Basoun Braj Gokul Village Ke Gwaran । Jo PaSu Haun To Kahaa Basu Mero , Charon Nit Nand Ki Dhenu Manjharan । Pahan Haun To Wahi Giri Ko , Jo Dharayo Kar Chhatra Purander Dharann । हिन्दी व्याकरण in hindi, रस Vatsaly question answers in hindi pdf Veer questions in hindi, Know About Shringar हिन्दी व्याकरण online test हिन्दी व्याकरण MCQS Online Coaching in hindi quiz book Hasya